दरभंगा पुलिस के मानचित्र में बड़ा मंथन एसएसपी जगुनाथ रेड्डी जलारेड्डी के आदेश से 15 थानों में नए थानाध्यक्षों की तैनाती, कौन कहाँ पहुँचा और किसके हिस्से आई कौन-सी जिम्मेदारी… पढ़ें ‘मिथिला जन जन की आवाज़’ की विशेष रिपोर्ट में विस्तार से
आज की तारीख़ दरभंगा पुलिस के इतिहास में उन दिनों में दर्ज होगी, जब एक ही आदेश ने जिले के कानून-व्यवस्था के परिदृश्य में नई हलचल पैदा कर दी। वरीय पुलिस अधीक्षक जगुनाथ रेड्डी जलारेड्डी के हस्ताक्षर से जारी यह आदेश महज़ तबादला सूची नहीं, बल्कि अपराध-नियंत्रण के मोर्चे पर एक नई रणनीति की शुरुआत है। दरभंगा, जो मिथिला की सांस्कृतिक राजधानी है, यहाँ का पुलिस ढाँचा केवल कानून का पहरेदार नहीं, बल्कि जनता की आशाओं का रक्षक भी है। ऐसे में थाना प्रभारी की कुर्सी सिर्फ़ एक प्रशासनिक पद नहीं, बल्कि एक सामाजिक दायित्व है और इस दायित्व को सँभालने के लिए सही व्यक्ति का सही जगह बैठना अनिवार्य है. पढ़े पुरी खबर......

दरभंगा, 13 अगस्त 2025: आज की तारीख़ दरभंगा पुलिस के इतिहास में उन दिनों में दर्ज होगी, जब एक ही आदेश ने जिले के कानून-व्यवस्था के परिदृश्य में नई हलचल पैदा कर दी। वरीय पुलिस अधीक्षक जगुनाथ रेड्डी जलारेड्डी के हस्ताक्षर से जारी यह आदेश महज़ तबादला सूची नहीं, बल्कि अपराध-नियंत्रण के मोर्चे पर एक नई रणनीति की शुरुआत है। दरभंगा, जो मिथिला की सांस्कृतिक राजधानी है, यहाँ का पुलिस ढाँचा केवल कानून का पहरेदार नहीं, बल्कि जनता की आशाओं का रक्षक भी है। ऐसे में थाना प्रभारी की कुर्सी सिर्फ़ एक प्रशासनिक पद नहीं, बल्कि एक सामाजिक दायित्व है और इस दायित्व को सँभालने के लिए सही व्यक्ति का सही जगह बैठना अनिवार्य है।
पुलिस केंद्र से जनता के बीच नई जिम्मेदारियों का सफ़र: इस सूची में शामिल सभी 15 अधिकारी पहले पुलिस केंद्र, दरभंगा में अपनी-अपनी भूमिकाएँ निभा रहे थे। वे अब सीधे-सीधे जनता के बीच, थानों की कमान सँभालेंगे। यह बदलाव मानो किसी अनुभवी नाविक को तट से उठाकर समुद्र की लहरों में उतार देना है जहाँ उन्हें अपने कौशल, धैर्य और निर्णय-शक्ति का पूरा इस्तेमाल करना होगा।
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तैनाती सूची और बदलाव से पहले की स्थिति
1.पुअनि नीतिश कुमार – 1
पहले: पुलिस केंद्र, दरभंगा में पदस्थापित।
अब: थाना प्रभारी, कोतवाली थाना।
विश्लेषण: कोतवाली थाना जिला पुलिस का ‘दिल’ है। यहाँ की जिम्मेदारी लेना मतलब हर रोज़ अपराध, भीड़-भाड़, प्रशासनिक दबाव और जनता की अपेक्षाओं के साथ तालमेल बैठाना। नीतिश कुमार के सामने चुनौती है शहर के केंद्र में कानून-व्यवस्था को संतुलित रखना और त्वरित कार्रवाई से विश्वास कायम करना।
2. पुअनि अरविंद कुमार – 1
पहले: पुलिस केंद्र, दरभंगा।
अब: थाना प्रभारी, बिशनपुर थाना।
विश्लेषण: बिशनपुर क्षेत्र शहर और ग्रामीण सीमा पर बसा है, जहाँ चोरी, छेड़छाड़ और स्थानीय विवाद जैसी घटनाएँ आम हैं। यहाँ तैनाती का मतलब है हर वर्ग से संवाद और त्वरित हस्तक्षेप।
3. पुअनि अरविंद कुमार – 2
पहले: पुलिस केंद्र, दरभंगा।
अब: थाना प्रभारी, सिमरी थाना।
विश्लेषण: सिमरी थाना का भूगोल और अपराध पैटर्न दोनों जटिल हैं। खेतों और छोटे बाज़ारों के बीच अपराधियों का आना-जाना आसान है। यह पोस्टिंग एक ‘ग्राउंड लेवल टेस्ट’ होगी।
4. पुअनि वसंत कुमार
पहले: पुलिस केंद्र, दरभंगा।
अब: थाना प्रभारी, सिंहवाड़ा थाना।
विश्लेषण: सिंहवाड़ा में चोरी, आपसी विवाद और कभी-कभी साम्प्रदायिक तनाव की खबरें आती रही हैं। वसंत कुमार को यहाँ संवाद और सतर्कता की दोहरी रणनीति अपनानी होगी।
5. पुअनि रंजीत कुमार शर्मा
पहले: पुलिस केंद्र, दरभंगा।
अब: थाना प्रभारी, भालपट्टी थाना।
विश्लेषण: भालपट्टी अपेक्षाकृत शांत मानी जाती है, लेकिन सीमा क्षेत्रों से लगाव के कारण पुलिस की सतर्कता यहाँ भी उतनी ही जरूरी है।
6. पुअनि राहुल कुमार
पहले: पुलिस केंद्र, दरभंगा।
अब: थाना प्रभारी, नेहरा थाना।
विश्लेषण: नेहरा क्षेत्र में कभी-कभार हिंसक झड़पें और सड़क हादसे चर्चा में रहते हैं। राहुल कुमार को यहाँ तेज़ प्रतिक्रिया और जनसंवाद की नीति पर काम करना होगा।
7. पुअनि रोशन कुमार – 2
पहले: पुलिस केंद्र, दरभंगा।
अब: थाना प्रभारी, सैदपुर थाना।
विश्लेषण: सैदपुर, कृषि प्रधान क्षेत्र होते हुए भी छोटे अपराधों और नशे के कारोबार से प्रभावित रहा है। नई तैनाती के साथ उम्मीदें भी बड़ी हैं।
8. पुअनि विनिता कुमारी
पहले: पुलिस केंद्र, दरभंगा।
अब: थाना प्रभारी, बड़गांव थाना।
विश्लेषण: महिला अधिकारी का किसी मिश्रित अपराध-क्षेत्र में थाना प्रभारी बनना खुद में एक संदेश है सख्ती और संवेदनशीलता, दोनों साथ-साथ।
9. पुअनि मुकेश कुमार
पहले: पुलिस केंद्र, दरभंगा।
अब: थाना प्रभारी, जमालपुर थाना।
विश्लेषण: जमालपुर में सड़क अपराध और आपसी विवाद का प्रतिशत अपेक्षाकृत अधिक है। मुकेश कुमार को इस क्षेत्र में त्वरित पुलिस गश्त और सख्त कानून-पालन की रणनीति अपनानी होगी।
10. पुअनि नरेन्द्र कुमार
पहले: पुलिस केंद्र, दरभंगा।
अब: थाना प्रभारी, मोरो थाना।
विश्लेषण: मोरो क्षेत्र में चोरी और शराब-तस्करी की शिकायतें समय-समय पर आती रही हैं। नरेन्द्र कुमार को यहाँ नशे के अवैध धंधे पर रोक लगाने की चुनौती होगी।
11. पुअनि अरविंद कुमार – 3
पहले: पुलिस केंद्र, दरभंगा।
अब: थाना प्रभारी, सकतपुर थाना।
विश्लेषण: सकतपुर में कृषि भूमि विवाद और छोटे अपराध अक्सर पुलिस को व्यस्त रखते हैं। अरविंद कुमार – 3 के लिए यह कानून-व्यवस्था संभालने की असली परीक्षा होगी।
12. पुअनि चन्द्र भूषण कुमार
पहले: पुलिस केंद्र, दरभंगा।
अब: थाना प्रभारी, पतोई थाना।
विश्लेषण: पतोई में पुलिस को अक्सर ग्रामीण मामलों में मध्यस्थता करनी पड़ती है। यहाँ पुलिस का चेहरा सख़्त से ज़्यादा भरोसेमंद होना चाहिए।
13. पुअनि मनीषा कुमारी
पहले: पुलिस केंद्र, दरभंगा।
अब: थाना प्रभारी, महिला थाना।
विश्लेषण: महिला थाना की जिम्मेदारी अपने आप में संवेदनशील और चुनौतीपूर्ण है। घरेलू हिंसा, छेड़छाड़, दहेज और यौन उत्पीड़न के मामलों में मनीषा कुमारी को पीड़ितों के विश्वास को प्राथमिकता देनी होगी।
14. पुअनि प्रताप कुमार सिंह
पहले: पुलिस केंद्र, दरभंगा।
अब: थाना प्रभारी, सोनकी थाना।
विश्लेषण: सोनकी क्षेत्र में अपराध का स्वरूप विविध है कभी सड़क लूट, कभी विवाद। यहाँ तैनाती का मतलब है चौबीस घंटे की सक्रियता।
15. पुअनि रोशन कुमार – 1
पहले: पुलिस केंद्र, दरभंगा।
अब: थाना प्रभारी, मब्बी थाना।
विश्लेषण: मब्बी क्षेत्र शहर से सटे होने के कारण अपराधियों की त्वरित आवाजाही वाला इलाका है। यहाँ गश्त और खुफिया नेटवर्क मजबूत करना प्राथमिकता होगी।
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एसएसपी की मंशा और रणनीतिक संदेश: एसएसपी जगुनाथ रेड्डी जलारेड्डी ने अपने कार्यकाल में बार-बार यह संदेश दिया है कि पुलिसिंग में सुस्ती बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उनका यह फेरबदल आदेश भी उसी सोच का हिस्सा है ताज़ा जोश, नई ऊर्जा और जिम्मेदारी का पुनर्वितरण।
यह बदलाव तीन स्पष्ट संदेश देता है:
1.मैदान में सक्रियता: पुलिस केंद्र में बैठे अधिकारियों को अब जनता के बीच उतरकर काम करना होगा।
2. जनसंवाद पर जोर: हर थाना प्रभारी से उम्मीद है कि वह अपने क्षेत्र के लोगों के साथ भरोसे का रिश्ता बनाए।
3. जवाबदेही: नए पद पर आते ही उनकी कार्यप्रणाली का मूल्यांकन होगा, और परिणाम से ही उनकी अगली पोस्टिंग तय होगी।
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जनता की नजरें अब इन 15 चेहरों पर: दरभंगा जैसे जिले में कानून-व्यवस्था का असर सिर्फ पुलिस रिकॉर्ड में नहीं, बल्कि हर गली-मोहल्ले की रोज़मर्रा की ज़िंदगी में दिखता है। इन 15 अधिकारियों के सामने अब अपराध घटाने, कानून का सम्मान बढ़ाने और जनता के बीच विश्वास बहाल करने की असली परीक्षा है। यह तैनाती सूची सिर्फ़ कागज़ पर लिखे नाम नहीं हैं ये 15 कहानियों की शुरुआत है, जिनका अगला अध्याय आने वाले दिनों में जनता के अनुभवों और आंकड़ों से लिखा जाएगा।