दरभंगा:- विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग तथा पारस हॉस्पिटल, दरभंगा के संयुक्त तत्वावधान में निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का हुआ आयोजन
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग तथा स्थानीय पारस हॉस्पिटल, दरभंगा के संयुक्त तत्वावधान में विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग के सभागार में आयोजित निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। पढ़ें पूरी खबर
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग तथा स्थानीय पारस हॉस्पिटल, दरभंगा के संयुक्त तत्वावधान में विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग के सभागार में आयोजित निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य रूप से बीपी, डायबिटीज, ईसीजी तथा सामान्य स्वास्थ्य परीक्षण कर डॉक्टरों द्वारा समुचित सलाह दी गई। संस्कृत विभागाध्यक्ष डा घनश्याम महतो की अध्यक्षता में आयोजित उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव एवं स्नातकोत्तर वाणिज्य विभागाध्यक्ष प्रो अजीत कुमार सिंह ने दीप प्रज्वलन कर स्वास्थ्य शिविर का उद्घाटन किया।
शिविर के संयोजक सह विभागीय प्राध्यापक डा आर एन चौरसिया के स्वागत एवं संचालन में आयोजित उद्घाटन सत्र में विषय प्रवेश पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो जीवानन्द झा ने किया, जबकि मुख्य वक्ता के रूप में पारस हॉस्पिटल, दरभंगा की फिजीशियन डा अनुराधा ने अपने विचार रखे। वहीं धन्यवाद ज्ञापन विभागीय शिक्षिका डा ममता स्नेही ने किया। अतिथियों का स्वागत शिशु पौधा प्रदान कर किया गया। विभागीय प्राध्यापक प्रो जीवानन्द झा के भीएसजे कॉलेज, राजनगर में प्रधानाचार्य नियुक्ति पर सदस्यों ने बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उद्घाटन संबोधन में मुख्य अतिथि प्रो अजीत कुमार सिंह ने कहा कि ऐसे आयोजन समाजोपयोगी, सराहनीय एवं अनुकरणीय है। कुलपति प्रोफेसर एस पी सिंह के निर्देशानुसार विश्वविद्यालय के विभाग अपने सामाजिक उत्तरदायित्व का भी निर्वहन कर रहे हैं। स्वास्थ्य ही हमारा मूल धन है। उन्होंने कहा कि जंक व फास्ट फूड का सेवन, अप्राकृतिक एवं विलासिता पूर्ण जीवन शैली बीमारियों का प्रमुख कारण है। वर्तमान समय में लोग भागमदौड़ जिंदगी एवं पैसा कमाने की होड़ में लगे हैं, जबकि प्राकृतिक दिनचर्या एवं जीविकोपार्जन के निमित्त मात्र ही धन कमाना हितकारी है।
हमें चिंतन करना चाहिए कि हमारे जीवन का मूल उद्देश्य क्या सिर्फ धनोपार्जन ही है? बीमारी का मूल कारण खेतों में अधिक रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों का प्रयोग तथा वातावरण का प्रदूषित होना भी है। शिक्षित होने के नाते हमें अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहते हुए समाज को भी जागरूक करना आवश्यक है। बीमारी के समुचित इलाज हेतु उसके प्रारंभिक काल में ही पता लगना आवश्यक है, जिसके लिए समय- समय पर स्वास्थ्य परीक्षण कराना आवश्यक है। संस्कृत विभागाध्यक्ष डा घनश्याम महतो ने स्वास्थ्य शिविर के आयोजन पर पारस हॉस्पिटल को धन्यवाद देते हुए हर्ष इस आयोजन को समाजोपयोगी बताया तथा कहा कि स्वस्थ शरीर एवं स्वस्थ मन में ही स्वस्थ आत्मा का निवास होता है। तन- मन से स्वस्थ रहना हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। स्वस्थ व्यक्ति ही संसार के सभी सुखों का समुचित उपयोग कर सकता है। विषय प्रवेशक प्रो जीवानन्द झा ने कहा कि स्वास्थ्य शिविर शिक्षकों एवं छात्रों के लिए काफी उपयोगी है।
संस्कृत ग्रंथों में चरक एवं सुश्रुत आदि आयुर्वेदाचार्यों ने बीमारी के कारणों में ही उसका निदान बतलाया है। शास्त्रों के अनुसार भी स्वास्थ्य की रक्षा करना हमलोगों का परम धर्म है, क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है। शिविर आयोजन की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह के सामाजिक कार्यों से छात्रों के व्यावहारिक ज्ञान भी बढ़ते हैं। मुख्य वक्ता के रूप में पारस हॉस्पिटल की फिजीशियन डा अनुराधा ने कहा कि हमलोग पूरी तत्परता से स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य करते हैं। साथ ही साथ सामाजिक कार्यों को भी निःशुल्क करने की कोशिश करते हैं, क्योंकि स्वास्थ्य रक्षा करना हम डॉक्टरों एवं अच्छे हॉस्पिटलों का सामाजिक दायित्व है। उन्होंने कहा कि हमारे हॉस्पिटल में सामान्य स्वास्थ्य रक्षा के साथ ही इमरजेंसी केसों के इलाज की भी बेहतरीन व्यवस्था है। पारस हॉस्पिटल के दरभंगा में खुलने से अब लोगों को अनेक गंभीर बीमारियों एवं इमरजेंसी के केसों में भी प्रायः पटना जाने की जरूरत नहीं पड़ती है।
पारस हॉस्पिटल की फिजीशियन डा अनुराधा तथा मार्केटिंग मैनेजर योगेश झा के नेतृत्व में नेहा कुमारी, कविता कुमारी तथा रामसेवक आदि ने स्वास्थ्य जांच शिविर में सराहनीय कार्य किया। शिविर के संयोजक डा आर एन चौरसिया ने कहा कि स्वस्थ व्यक्ति के लिए यह धरती स्वर्ग है तथा अस्वस्थ के लिए नरक के समान। एक स्वस्थ व्यक्ति ही अपना तथा राष्ट्र का समुचित विकास कर सकता है। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए विभागीय प्राध्यापिका डा ममता स्नेही ने भी स्वास्थ्य के महत्व एवं नियमित स्वास्थ्य परीक्षण के महत्व को रेखांकित किया। शिविर में प्रो रमेश झा, प्रो प्रभाष चंद्र मिश्रा, प्रो राजेन्द्र साह, डा नैयर आजम, डा विनोदानंद झा, प्रो मंजू राय, प्रो रमेश झा, प्रोफेसर अशोक कुमार मेहता, डा अमीर अली खान, डा रुद्रकांत अमर, डा सुरेश पासवान, अमित कुमार झा, डा अखिलेश कुमार सिंह, डा प्रियंका राय, डा सरस्वती कुमारी, डा विकास सिंह, जीवछ चौधरी, डा विरोध राम, दशरथ ठाकुर, विमलेश चौधरी, योगेन्द्र पासवान, मंजू अकेला, विद्यासागर भारती, उदय कुमार उदेय आदि सहित 60 से अधिक व्यक्तियों ने स्वास्थ्य परीक्षण कराकर उचित परामर्श प्राप्त किया।