दरभंगा में मैथिली फिल्म 'विद्यापति' देखने के लिए उमड़ी दर्शकों की भीड़, दर्शकों ने फिल्म की जमकर की प्रशंसा, कहा- मैथिली भाषा मे बनी यह फिल्म अद्भुत और अद्वितीय है
सात जून को दरभंगा के लहेरियासराय स्थित साहिल सिने प्लेक्स मे मैथिली की बहुप्रतीक्षित फिल्म 'विद्यायपति' रिलीज किया गया। पहले दिन 'विद्यायपति' देखने के लिए साहिल सिने प्लेक्स में दर्शकों की विशाल भीड़ उमड़ पड़ी। साहिल सिने प्लेक्स दर्शकों की भीड़ से खचाखच भर गया। फिल्म देखने के बाद दर्शकों ने इस फिल्म की जमकर तारीफ भी की. पढ़े पूरी खबर.......
दरभंगा : सात जून को दरभंगा के लहेरियासराय स्थित साहिल सिने प्लेक्स मे मैथिली की बहुप्रतीक्षित फिल्म 'विद्यायपति' रिलीज किया गया। पहले दिन 'विद्यायपति' देखने के लिए साहिल सिने प्लेक्स में दर्शकों की विशाल भीड़ उमड़ पड़ी। साहिल सिने प्लेक्स दर्शकों की भीड़ से खचाखच भर गया। फिल्म देखने के बाद दर्शकों ने इस फिल्म की जमकर तारीफ भी की। साहिल सिने प्लेक्स में रिलीज हुई फिल्म 'विद्यापति' को देखने के लिए दरभंगा सहित संपूर्ण मिथिला क्षेत्र के कई गणमान्य लोग भी उपस्थित हुए जिनमें दरभंगा संस्कृत विवि के कुलपति प्रो. लक्ष्मी निवास पांडे, संगीत विभाग के मिथिला विवि के विभागाध्यक्ष प्रो. पुष्पम नारायण, भाजपा नेता डॉक्टर मदन मुरारी झा, बेनीपूर विधायक डॉक्टर विनय चौधरी, विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव बैजनाथ बैजू इत्यादि प्रमुख थे।
गणमान्य लोगों ने भी मैथिली फीचर फिल्म 'विद्यापति' की जमकर सराहना की। उन्होंने बताया कि मैथिली भाषा में बनी यह फिल्म अद्वितीय है। सबसे बड़ी बात है कि महाकवि के जीवन को तीन घंटे में समेटना। क्योंकि महाकवि का व्यक्तित्व और कृतित्व दोनों ही बहुत विराट और विशाल रहा है। उनके जीवन के विविध पक्षों को तीन घंटे में समेटना एक चुनौतीपूर्ण काम है। निर्देशक श्याम भास्कर इस चुनौती पर खड़ा उतरते हैं।
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वहीं इस फिल्म के लिए आम दर्शकों की राय भी बहुत उत्साहजनक रही। उन्होंने बताया कि जानकी फिल्म्स प्रोडक्शन के बैनर तले बनी यह फिल्म अद्भुत और अद्वितीय है। इस फिल्म के निर्माता सुनील कुमार झा ने मिथिला की बेमिसाल धरोहर के विभिन्न पक्षों से समाज को अवगत कराने का काम किया है, इसकी जितनी तारीफ की जाये, कम है। उन्होंने बताया कि यह फिल्म न सिर्फ दर्शकों का भरपूर मनोरंजन करती है, बल्कि विद्यापति से जुड़ी हमारी समझ और जानकारी को भी परिष्कृत करने का काम करती है। मैथिली में इस तरह की फिल्मों का निर्माण नहीं के बराबर हुआ है। दर्शकों ने बताया कि विद्यापति की भूमिका में नजर आ रहे अभिनेता तुषार झा सहित सभी कलाकारों ने इसमें भरपूर परिश्रम किया है।
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गंभीर विषयों पर बनी बहुत कम ऐसी फिल्में होती हैं जो दर्शकों की रुचि का भी ध्यान रखे। इस फिल्म में दर्शकों की रुचि का भी पूरा ध्यान रखा गया है। फिल्म को देखने के बाद जब आप थियेटर से निकलते हैं तो एक गौरववोध के साथ निकलते हैं और स्वयं को तरोताजा अनुभव करते हैं। यह फिल्म तमाम मैथिली भाषी लोगों को देखना चाहिए। हमें विश्वास है कि यह फिल्म मैथिली सिनेमा के पुराने मानदंडों को ध्वस्त कर अपना एक नया कीर्तिमान गढ़ेगी। इस फिल्म के निर्माता सुनील कुमार झा ने बताया कि दरभंगा के साहिल सिने प्लेक्स, जो कभी लाइट हाउस के नाम से जाना था, में प्रतिदिन चार शो इस फिल्म का प्रदर्शन किया जायेगा। दर्शकों बंधुओं से अनुरोध है कि वे समय पर आकर टिकट लें और इस फिल्म का आनंद उठाएं। यह फिल्म आपको निराश नहीं करेगी।