दरभंगा:- मां काली को नम आंखों से दी विदाई, ढोल-बाजा की धुन पर प्रतिमा विसर्जन में बड़ी संख्या में उमड़े श्रद्धालु
दरभंगा जिले की सबसे प्रसिद्ध घनश्यामपुर स्थित माँ काली की प्रतिमा का विसर्जन गुरुवार देर रात आठ बजे के करीब नबकी पोखर पर किया गया। पढ़ें पूरी खबर
दरभंगा:- जिले की सबसे प्रसिद्ध घनश्यामपुर स्थित माँ काली की प्रतिमा का विसर्जन गुरुवार देर रात आठ बजे के करीब नबकी पोखर पर किया गया। इस दौरान प्रतिमा को बुढ़ा बाबा स्थान से पूरे गांव घूमते हुए पुनः बुढ़ा बाबा स्थान नबकी पोखर तक आने में करीब पांच किलोमीटर का सफर तय करना पड़ा। जिसमे करीब छ घंटे का वक्त लग गया। इसको लेकर घनश्यामपुर काली पूजा समिति के लोग सुबह से ही तैयारी में जुटे थे। दोपहर दो बजे हजारों की जनसंख्या के मदद से प्रतिमा को उठाया गया। बड़े खुले ट्रेक्टर पर शाम पांच बजे मंदिर प्रांगण से प्रतिमा निकली, जो बढ़ा बाबा स्थान से कचहरी, घनश्यामपुर थाना, मार्ग होते हुए पूरे गाँव परिक्रमा कर पुनः आठ बजे नबकी पोखर पहुंची।
जहां देर रात जयकारे के साथ भक्तों ने विसर्जन किया। इस दौरान विसर्जन मार्ग में देवी दर्शन को सैंकड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। बैंड-बाजे गाजे-बाजे के धुन पर भक्त नाचते झूमते व जयकारे लगाते रहे। इस दौरान श्रद्धालुओं ने आतिशबाजी भी की। जगह-जगह मां की अंतिम दर्शन करने के लिये महिलाएं कतारबद्ध दिखी। सुरक्षा के मद्देनजर घनश्यामपुर थानाध्यक्ष परमानंद लाल कर्ण समेत अलीनगर विधायक मिश्री लाल यादव और साथ में कई गणमान्य लोग शांति सद्भाव में विसर्जन संपन्न कराने में जुटे रहें।
अध्यक्ष प्रकाश चन्द्र राय ने बताया कि ग्रामीण इलाके के पांच प्रतिमाओं का विसर्जन तीन दिनों में पूरा किया गया। वहीं दस प्रतिमाओं का विसर्जन मंगलवार व बुधवार को को ही कर दिया गया था। जबकि गुरुवार को एकमात्र विसर्जन जिले के सबसे प्रसिद्ध घनश्यामपुर स्थित मां काली का हुआ।
मौके पर राम कृपाल राय, राज कांत राय, दीपक कुमार मिश्रा, दिलीप राय, पंकज राय, रंजन राय, कुंदन राय, कुंदन, नारायण, आनंद, सावन, दीपू, गोलू, मनीष राय, सुभाष राय, रौशन, सचिन, अजीत, लालु आदि मौजूद थे