चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड 2023 के लिए लगभग सौ प्रतिशत सीटों के लिए हुई काउंसिलिंग

चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड-2023 में 400 सीटों पर नामांकन के लिए नोडल विश्वविद्यालय ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा की ओर से ऑफलाइन काउंसिलिंग की प्रथम चक्र की प्रक्रिया दिनांक 18.07.2023 से जारी थी, वह दिनांक 21.07.2023 को समाप्त हो गई. पढ़े पूरी खबर.......

चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड 2023 के लिए लगभग सौ प्रतिशत सीटों के लिए हुई काउंसिलिंग

दरभंगा: चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड-2023 में 400 सीटों पर नामांकन के लिए नोडल विश्वविद्यालय ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा की ओर से ऑफलाइन काउंसिलिंग की प्रथम चक्र की प्रक्रिया दिनांक 18.07.2023 से जारी थी, वह दिनांक 21.07.2023 को समाप्त हो गई। ऑफलाइन काउंसिलिंग के चौथे दिन दिनांक 21.07.2023 (शुक्रवार) को 45 अभ्यर्थियों ने जुबली हॉल में स्वयं उपस्थित होकर नामांकन के लिए अपना जरूरी कागजात का सत्यापन करावाया।

इनमें से अर्थशास्त्र में 18, संस्कृत में 15, राजनीति विज्ञान में 04, इतिहास में 07 और भूगोल विषय में 01 अभ्यर्थियों को उनके चयन के अनुसार महाविद्यालय आवंटित किया गया। इनमें से बैद्यनाथ शुक्ला कॉलेज ऑफ एजुकेशन, जगनपुरा, वैशाली में 18; बसुंधरा टीचर ट्रेनिंग कॉलेज, कुरहनी, मुजफ्फरपुर में 01; माता सीता सुंदर कॉलेज ऑफ एजुकेशन, धनहरा, सीतामढ़ी में 16 और शहीद प्रमोद बीएड कॉलेज, मुशहरी, मुजफ्फरपुर में 10 अभ्यर्थियों को नामांकन के लिए अनुशंशित किया गया।

इस प्रकार काउंसिलिंग में बैद्यनाथ शुक्ला कॉलेज ऑफ एजुकेशन, जगनपुरा, वैशाली में 100 सीटों के विरुद्ध 100; बसुंधरा टीचर ट्रेनिंग कॉलेज, कुरहनी, मुजफ्फरपुर में 100 सीटों के विरुद्ध 100; माता सीता सुंदर कॉलेज ऑफ एजुकेशन, धनहरा, सीतामढ़ी में 100 सीटों के विरुद्ध 100 और मात्र शहीद प्रमोद बीएड कॉलेज, मुशहरी, मुजफ्फरपुर में 100 सीटों के विरुद्ध 98 सीटों पर अभ्यर्थियों ने अपना काउंसिलिंग कराया है।

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संस्कृत विषय में दो रिक्तियां रह गई है। यदि काउंसिलिंग कराए हुए अभ्यर्थी संबंधित महाविद्यालय में जाकर दिनांक 24.07.2023 तक पूर्ण रूपेन नामांकन की प्रक्रिया पूरी नहीं करते हैं, तो उनका नामांकन दावा स्वत: समाप्त हो जाएगा। ऐसे में सीट खाली रहने की स्थिति में नामांकन के लिए अगले चरण की प्रक्रिया शुरू करने पर विचार किया जाएगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह ने लगभग सौ प्रतिशत सीटों पर अभ्यर्थियों की ओर से काउंसिलिंग के लिए जरूरी कागजात का सत्यापन करवाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है।

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय पर महामहिम राज्यपाल-सह-कुलाधिपति ने लगातार चार वर्षों से जो विश्वास जताया है, विश्वविद्यालय ने बेहतर तरीके से नामांकन की प्रक्रिया पूरी करके उस पर खरा उतरा है। इस बेहतर काउंसिलिंग के लिए विश्वविद्यालय परिवार की ओर से एकबार पुन: महामहिम राज्यपाल-सह-कुलाधिपति के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। पारदर्शिता और शूचिता के साथ काउंसिलिंग की प्रक्रिया संपन्न कराने के लिए मैं राज्य नोडल पदाधिकारी प्रो. अरुण कुमार सिंह व उनकी टीम को भी बधाई देता हूं।

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प्रति कुलपति प्रो. डॉली सिन्हा ने लगभग सौ प्रतिशत काउंसिलिंग के लिए कागजात सत्यापन होने पर खुशी जाहिर करते हुए प्रो. अरुण कुमार सिंह व उनकी टीम को बधाई दी है। साथ ही कहा कि शत-प्रतिशत काउंसिलिंग के लिए अभ्यर्थियों की ओर से कागजात सत्यापन कराना इस बात का गवाह है कि पूरी तरह पारदर्शिता के साथ अभ्यर्थियों को उनके मैरिट के आधार पर महाविद्यालयों में नामांकन मिला है। प्रथम चक्र के काउंसिलंग की प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद कहीं से अभ्यर्थी, अभिभावक और महाविद्यालयों के पदाधिकारियों की ओर से काउंसिलिंग की प्रक्रिया में लापरवाही बरतने संबंधित कोई शिकायत नहीं आई।

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यह इस बात का गवाह है कि प्रो. सिंह के नेतृत्व में उनकी टीम ने कितनी ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन किया है। कुलसचिव डा. अजय कुमार पंडित ने कहा कि बेहतर ढंग से नामांकन हेतु काउंसिलिंग प्रक्रिया पूरी कराने के लिए प्रो. सिंह व उनकी टीम की जितनी तारीफ की जाये कम है। सीईटी प्रवेश परीक्षा का आयोजन से लेकर, परीक्षा का परिणाम और काउंसिलिंग की प्रक्रिया पूरी होने तक पारदर्शिता का ख्याल रखा गया। ये सभी कार्य टीम के सदस्य के कारण ही संभव हुआ है।

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काउंसिलिंग की पूरी प्रक्रिया सौहाद्रपूर्ण और सहयोगात्मकता के साथ पूरी की गई है। चौथे दिन की ऑफलाइन काउंसिलिंग की शुरुआत दो वर्षीय सीईटी-बीएड-2023 के राज्य नोडल पदाधिकारी प्रो. अशोक कुमार मेहता के संबोधन से हुई। उन्होंने कहा कि इस वर्ष बेमिसाल संख्या में अभ्यर्थियों ने ऑफलाइन काउंसिलिंग में अपना पेपर सत्यापन करवा लिया है। चार वर्षीय बीएड अध्यापक शिक्षा में एक उभरता एवं भविष्य का कार्यक्रम है।

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इसलिए छात्र-छात्राओं का इस कोर्स के प्रति रुझान बढ़ रहा है। सीईटी-आईएनटी-बीएड-2023 के राज्य नोडल पदाधिकारी प्रो. अरुण कुमार सिंह ने कहा कि कुलपति महोदय के कुशल नेतृत्व के कारण ही चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड-2023 की ऑफलाइन काउंसिलिंग की प्रक्रिया चौथे दिन संपन्न हो गई है। ऑफलाइन काउंसिलिंग की प्रक्रिया सुचारु रूप से संपन्न कराने के लिए टीम के सभी सदस्य बधाई के पात्र हैं।