ओडिसी नृत्य से राज किला स्थित 'सृष्टि- फाउंडेशन' के सोना धारी सिंह को रेलवे में मिली नौकरी
सृष्टि फाउन्डेशन के वरिष्ठ छात्र ओडिसी नर्तक सोना धारी सिंह का चयन दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, बिलासपुर में सांस्कृतिक कोटे के तहत ओडिसी नृत्य की परीक्षा में अंतिम रूप से चयनित होकर अपने गुरु व संस्थान का नाम रौशन किया. पढ़े पूरी खबर....
दरभंगा:- सृष्टि फाउन्डेशन के वरिष्ठ छात्र ओडिसी नर्तक सोना धारी सिंह का चयन दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, बिलासपुर में सांस्कृतिक कोटे के तहत ओडिसी नृत्य की परीक्षा में अंतिम रूप से चयनित होकर अपने गुरु व संस्थान का नाम रौशन किया। एकमात्र सीट पर अपनी सफलता का श्रेय गुरु जयप्रकाश पाठक को देते हुए सोना धारी सिंह ने अपनी खुशी जाहिर की।
श्रीमती रानी देवी एवं स्वर्गीय जगदेव सिंह के तीन बच्चों में सबसे छोटे पुत्र सोना धारी सिंह मूल रूप से बेगुसराय जिला अन्तर्गत भगवानपुर प्रखंड के गेहूनी गांव के स्थाई निवासी हैं। विदित हो कि श्री सिंह को मात्र आठ वर्ष की आयु में सिर से पिता का साया उठ जाने के फलस्वरूप पारिवारिक बोझ और आर्थिक तंगी से तंग आ कर दरभंगा के भी-मार्ट मॉल में काम करने पर मजबूर होना पड़ा। नृत्य के प्रति इनका लगन बचपन से ही काफी ज्यादा था। कहते हैं ना कि जब आप किसी चीज को पूरी शिद्दत से करना चाहो तो कायनात भी आपको मदद करता है और इन सबके बीच ही वर्ष 2012 में सृष्टि संस्थान के संस्थापक गुरु जयप्रकाश पाठक से मुलाकात हुई और तत्पश्चात इन्होंने सभी कामों को छोड़ पूरी लगन और निष्ठा से ओडिसी नृत्य सीखना प्रारंभ किया।
इनके कठिन परिश्रम और लगन का प्रतिफल पहली बार 2017 में गुरु जयप्रकाश पाठक के सानिध्य में हरियाणा के रोहतक में आयोजित राष्ट्रीय युवा महोत्सव में देखने को मिला जहां इन्होंने ओडिसी नृत्य में बिहार का प्रतिनिधित्व कर ओडिसी नृत्य विधा को अलग पहचान दिलाया और अपनी अद्भुत प्रस्तुति से सभी को कायल करने में सफल हुए। तत्पश्चात ओडिसी नृत्य के माध्यम से ही इन्होंने वर्ष 2019 में तरंग महोत्सव में राज्य स्तरीय नृत्य प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त कर मिथिला विश्वविद्यालय का नाम रौशन किया था। विगत वर्ष 2022 में मुजफ्फरपुर में आयोजित राज्य स्तरीय युवा महोत्सव में प्रथम स्थान प्राप्त कर अपने जिला व सृष्टि संस्थान का मान बढ़ाया था। अब तक इन्होंने इस तरह के कई और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फलक पर अपनी अद्भुत ओडिसी नृत्य की प्रस्तुति से लोगो को मंत्रमुग्ध किया है।
रेलवे मुख्यालय बिलासपुर द्वारा सांस्कृतिक कोटे के तहत प्रकाशित ओडिसी नृत्य के एकमात्र वैकेंसी पर सोना धारी सिंह का चयन इनके उत्कृष्टता को साबित करता है क्योंकि ओडिसी नृत्य विधा में इन्होंने ओड़िशा के ही कई प्रतिभागियों को पिछे छोड़ दिया। इनका चयन ग्रुप सी में अवर लिपिक के लिए हुआ है ।