आईवीआर की भाषा में शामिल हुई मैथिली, दरभंगा के सांसद डॉ. गोपाल जी ठाकुर ने दी बधाई

दरभंगा के सांसद डॉ. गोपालजी ठाकुर और सांसद प्रदीप सिंह ने मैथिली भाषा को दूरसंचार विभाग में शामिल करने पर भारत सरकार के मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात कर बधाई व धन्यवाद ज्ञापित किया. पढ़ें पूरी खबर......

आईवीआर की भाषा में शामिल हुई मैथिली, दरभंगा के सांसद डॉ. गोपाल जी ठाकुर ने दी बधाई

दरभंगा। सांसद डॉ. गोपालजी ठाकुर और सांसद प्रदीप सिंह ने मैथिली भाषा को दूरसंचार विभाग में शामिल करने पर भारत सरकार के मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात कर बधाई व धन्यवाद ज्ञापित किया। इस संबंध में सांसद डॉ. ठाकुर ने बताया कि अब सभी दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी मैथिली में इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पॉन्स (आईवीआर) और ग्राहक सेवा संबंधी सेवाएं प्रदान करेगी।

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उन्होंने बताया कि आज मैथिली भाषा बोलने वाले आठ करोड़ मिथिलावासियों के लिए ऐतिहासिक क्षण है, अब दूरसंचार के क्षेत्र में मैथिली भाषा का उपयोग प्रारंभ होने जा रहा है। अब सुदूर ग्रामीण पृष्ठभूमि वाले लोग भी आसानी से अपनी मातृभाषा में किसी भी सेवा प्रदाता कंपनी के ग्राहक सेवा अधिकारी से बात कर सकते है। सांसद ने बताया कि इसको लेकर वह पूर्व में केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात कर कई बार अनुरोध कर चुके थे। जिसके फलस्वरूप यह महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त हुई है।

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सांसद ने बताया कि भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पॉन्स (आईवीआर) और ग्राहक सेवा सुविधा में ग्राहकों को प्रदान किए जाने वाले भाषा विकल्पों से संबंधित कई विनियम जारी किया है। वहीं केंद्र सरकार द्वारा सभी दूरसंचार कंपनी को मैथिली के अलावा अष्टम अनुसूची में उल्लेखित सभी भाषाओं में इस सुविधा को प्रदान करने का निर्देश जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि किसी भी सेवा प्रदाता कंपनी द्वारा ग्राहक सहायता नंबर के लिए संवादात्मक वाक अनुक्रिया प्रणाली या आईवीआरएस में पहला स्तर भाषा चयन का होता है।

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अब आईवीआर के माध्यम से ग्राहक से अनुरोध प्राप्त होने पर सेवा प्रदाता ग्राहक को रिकॉर्ड किए गए आईवीआर पर बातचीत के लिए भाषा विकल्प में हिंदी एवं अंग्रेजी के अलावा मैथिली को भी शामिल करेगी। सांसद ने कहा कि जहां पूर्व में भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में मैथिली को अष्टम अनुसूची में शामिल कर आठ करोड़ मिथिलावासियों को सम्मान दिया गया था। वहीं वर्तमान समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिथिला और मैथिली के विकास के लिए अभूतपूर्व कार्य किया है। उन्होंने बताया कि दूरसंचार में मैथिली के प्रवेश होने से इसका प्रचार-प्रसार व्यापक स्तर बढ़ेगा और लोगों में अपने मातृभाषा के प्रति प्रेम भी बढ़ेगा।