Tag: KOUSHAL KUMAR DM DARBHANGA

दरभंगा
राजीव रौशन की सादगी, सौम्यता और सेवा का जब समापन हुआ, तो दरभंगा की हवाओं ने भी उन्हें सलामी दी; और जब कौशल कुमार ने संकल्प के साथ बागडोर थामी, तो लगा मानो प्रशासनिक धरती पर नवसृजन की ऋतु आ गई हो 'मिथिला जन जन की आवाज़' प्रस्तुत करता है एक विशेष साहित्यिक चित्रण उस विरल क्षण का, जब इतिहास, वर्तमान और भविष्य एक ही मंच पर एक-दूसरे से गले मिले…

राजीव रौशन की सादगी, सौम्यता और सेवा का जब समापन हुआ, तो...

कुछ विदाईयाँ इतिहास नहीं, एहसास बन जाती हैं। कुछ आगमन उम्मीद नहीं, दायित्व बनकर...