Tag: प्रमंडलीय पार्षद महासंघ

दरभंगा
जब दरभंगा की धूल भरी गलियों में कांपती वृद्ध हथेलियों की दुआ ने रंग लाया और दस वर्षों की सरकारी खामोशी को तोड़ते हुए कलम, करुणा और कर्म की त्रयी ने सामाजिक सुरक्षा की उपेक्षित धारा को ग्यारह सौ रुपयों की गरिमा में परिणत किया; यह केवल पेंशन नहीं, यह न्याय की वापसी है, यह प्रमंडलीय पार्षद महासंघ की उस संघर्षशील स्याही का परिणाम है, जिसने भीड़ में गुम इंसानियत को फिर से नाम, पहचान और सम्मान दिलाया!

जब दरभंगा की धूल भरी गलियों में कांपती वृद्ध हथेलियों की...

प्रमंडल की गलियों में कई घर ऐसे हैं, जहाँ खाँसी की आवाज़ किसी की पुकार बन चुकी थी।...