सृष्टि' फाउंडेशन द्वारा नृत्य उत्सव-2023 की शानदार शाम :ओडिशी नृत्य के दमदार परफॉरमेंस ने जीता दर्शाकों का दिल
कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय प्रांगण में 'सृष्टि' फाउंडेशन द्वारा आयोजित दरभंगा नृत्य उत्सव-2023 के प्रथम सत्र की शुरुआत विश्वविद्यालय के दरबार हाल में हुई। जहां विभिन्न संस्थानों के नवांकुरित बच्चों के बीच एक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें तनिष्क सिन्हा, कृतिका शर्मा, सोमा मंडल, कुमारी मोना, और निराला ग्रुप आफ डांस सुमन कुमार मंडल,अनीश कुमार झा, परमवीर प्रताप सिंह, रूपाली सिंह, रूद्र राज, काजल चौधरी, सोनी कुमारी, रबीना, ब्यूटी राज, विदिषा, साक्षी, नन्दनी, और कुणाल ने भाग लिया. पढ़े पूरी खबर.....
दरभंगा:- कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय प्रांगण में 'सृष्टि' फाउंडेशन द्वारा आयोजित दरभंगा नृत्य उत्सव-2023 के प्रथम सत्र की शुरुआत विश्वविद्यालय के दरबार हाल में हुई। जहां विभिन्न संस्थानों के नवांकुरित बच्चों के बीच एक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें तनिष्क सिन्हा,कृतिका शर्मा,सोमा मंडल,कुमारी मोना,और निरालाग्रुप आफडांस सुमनकुमार मंडल,अनीशकुमार झा,परमवीरप्रताप सिंह,रूपाली सिंह,रूद्र राज,काजल चौधरी,सोनी कुमारी,रबीना,ब्यूटीराज,विदिषा,साक्षी,नन्दनी,औरकुणालने भागलिया। नृत्य उत्सव के द्वितीय सत्र का शुभारंभ मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ।
तत्पश्चात दिव्यांशु शेखर के नेतृत्व में पियुश राज, अर्जित, सिद्धार्थ, आस्था, आराध्या एवं प्रद्युम्न ने स्वागत गीत प्रस्तुत कर, उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया और फिर मां सरस्वती की वंदना कर गोधुलि वेला को भक्तिमय कर दिया। इस उत्सव के अगले चरण में माननीय मंत्री संजय कुमार झा को संस्थापक सचिव जय प्रकाश पाठक ने मिथिला के परंपरा अनुसार पाग और चादर से सम्मानित करते हुए प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। तत्पश्चात श्री झा ने ताईवान से आई अतिथि कलाकार हाइडी सिन, मनिषा वैंग,एन जैन एवं लिलि लू के साथ साथ हाल ही में संस्थान के वरीय छात्र सोनाधारी सिंह जिनका भारतीय रेलवे में ओडिसी नृत्य के आधार पर पिछले माह चयन हुआ है, को भी सम्मानित किया। दुधिया रोशनी में नहाए संस्कृत विश्वविद्यालय प्रांगण के उत्सवी शाम की नृत्य की पहली प्रस्तुति रही गुरू श्री सचिकांत प्रधान एवं गुरु जयप्रकाश पाठक के नृत्य निर्देशन में आसिता साह, जय श्री, निधि पासवान, अमिठी दास, नाय्शा चौधरी, दिप सिखा, यशस्वी चौधरी, अमन कुमार और अर्नव राउत द्वारा प्रस्तुत नृत्य 'दीपम् ज्योति'।
शुभकामना निमित्त किये गए इस नृत्य की प्रस्तुति ने दीपोत्सव जैसा माहौल बना दिया। स्थापत्य कला की अलौकिक छटा बिखेड़ रही परिसर में अगली प्रस्तुति विघ्नहारक श्री गणेश के उपर आधारीत मंगलाचरण नमामी विघ्न राज त्वम के बोल से हुई जिसे ताईवान से आए मनिषा वांग एवं लीली लू के साथ सृष्टि सृष्टि के कलाकार समृद्धि महासेठ, बान्या महासेठ,अनुष्का कुमारी, आरुषी गुप्ता, राखी कुमारी,अंकिता झा, धारा मेहता,श्रेया शोर्य,सोनाक्षी प्रिया और आराध्या चौधरी ने मनमोहक बना दिया। इसके बाद ओडिसी नृत्य के द्वितिय भाग में स्थायी नृत्य जिसमें एक ही स्वर को शुरू से अंत तक उचारण करके विभिन्न प्रकार का बोल, खंडी, गड़ी, अरसा, छंद, वाद्य, को व्यवहार करके विभिन्न प्रकार के भंगी को नृत्य के माध्यम से प्रदर्शन करते हैं को सृष्टि के शरण्या गुप्ता, इशिता ओझा,रितु रानी,आध्या कश्यप, अनिकेत कश्यप, अंशुल कश्यप, इशिता शर्मा, योगिता कुमारी और हर्षिता गुप्ता द्वारा किया गया। छोटे -छोटे बच्चों द्वारा शिव पंचाक्षर मंत्र आधारित नृत्य नागेन्द्रहाराय की प्रस्तुति में बच्चों के भाव - भंगिमाओं और हस्त संयोजन ने उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इसे अमाया प्रसाद, शांभवी कुमारी,पर्ल खेड़िया,श्रुति झा,अव्यान प्रसाद, कृति, मान्या भगत,आंशी चौधरी, प्रांशी चौधरी,प्रिया रानी,अनू प्रिया,विवान शोर्य, यशस्वनी शर्मा,प्रिंसी,सिद्धिका,सृष्टि और शैलजा श्री द्वारा प्रस्तुत किया गया। इसके बाद बहुप्रतीक्षित विदेशी अतिथि हाइडी सिन द्वारा रागेश्री पल्लवी की अद्भुत प्रस्तुति हुई। नृत्य बारिकियों को ध्यान में रखते हुए अपने भाव - भंगिमाओं से सिन ने दर्शाया कि जैसे एक पेड़ का कोमल पत्ता धीरे-धीरे बड़ा होकर मजबूत होता है और पेड़ का शोभा बढाता है, उसी प्रकार एक ही राग के अनुसार बहुत सारे वाद्य, छंद में नृत्य धिरे से शुरू करके विकसित होकर पुणंग शुद्ध नृत्य का परिचय देता है।
नृत्य क्रम को आगे बढ़ाते हुए ताईवान से ही आई एन जैन ने सृष्टि के अंजली कुमारी,कुमारी संवेदना, चेतना अग्रवाल,गुड़िया कुमारी, प्रिया प्रभाकर, पलक राज, सृजा झा और सान्धवी नारायण के साथ मिलकर बटु नृत्य प्रस्तुति से समां बांध दिया। इन लोगों ने मंदिर के मूर्ति के भंगी को नृत्य के माध्यम से प्रदर्शित किया । इसके पश्चात निष्काम भक्त की प्राबल्यता के चरम बिंदु केवट प्रसंग की प्रस्तुति में केवट के रूप में गुरु सचिकांत प्रधान और भगवान श्री राम के रूप में गुरू जयप्रकाश पाठक ने दर्शक बृंद के हृदय को भक्ति की प्रवाह में ऐसे उद्वेलित किया कि मानो यह विश्वविद्यालय परिसर पतित पाविनी गंगा हो और साक्षात भगवान श्री राम और नि:श्छल भक्त निषाद राज उपस्थित हो।
ओडिसी की अंतिम प्रस्तुति में भगवान बुद्ध के जीवन यात्रा पर आधारित नृत्य नाटिका 'निर्माण ' ने मानवीय वेदना को प्रतिबिंबित कर उपस्थित जनमानस को अपने जीवन के यथार्थ से साक्षात्कार कराया। तत्क्षण ऐसा प्रतीत हो रहा था कि हर व्यक्ति बुद्ध के सदृश चिंतन एवं प्राणियोंचित मर्यादा के अनुपालन में विभोर हो गए हैं। गंधर्ब बैंड एवं रिबेल थियेटर की ओर से मैथिली लोकगीत की एक छोटी सी समागम सुमन कुमार सिंह,शिवम कुमार पोद्दार, शिवम झा, शांडिल्य, वारिधि विशाल,विक्की, मोहित पांडे,परमवीर प्रताप सिंह, संगम, और चंद्रमणि झा द्वारा प्रस्तुत किया गया जिसे दर्शकों ने काफी सराहा।
मोनू राय के सानिध्य में माहि राज, रिद्धी श्री, स्तुति श्रेया,और शिवांश ने पश्चिमी नृत्य की शैली में गणेश वंदना तो प्रगति प्रभा, दृश्णा, आराध्या सूर्यवंश, भाविका होइयानि , अवन्या भारद्वाज, शिवांगी कुमारी, सौरभ झा ,तृप्ति कुमारी, अदिति अतुल, और स्तुति श्रिया ने कत्थक नृत्य की प्रस्तुति से अपनी पहचान बनाई। कार्यक्रम के मध्य में सृष्टि के स्मारिका 'सृष्टि' का विमोचन उपस्थित अतिथियों के साथ- साथ सम्पादक डॉ सुमित कुमार मण्डन,डॉ सुशांत कुमार,उज्जवल कुमार, मिडिया प्रभारी हरिओम शंकर एवं अन्य द्वारा किया गया। तत्पश्चात शिवम कुमार का एकल पियानो वादन ने लोगों को संगीत रस में डुबो दिया।
इस उत्सव में विदेशी अतिथि कलाकारों के अलावे डॉ. रंजना सरकार, अंतर्राष्ट्रीय कथक नृत्यांगना, मुजफ्फरपुर ने अपने समूह के साथ तराना, कृष्ण विरह गीत और ठुमरी की प्रस्तुति से लोगों को प्रफुल्लित किया तो राष्ट्रीय स्तर पर विख्यात भरतनाट्यम नर्तक डॉ जयदीप मुखर्जी और पुर्णिया जिला के भरतनाट्यम आइकन सूरज कुमार साहनी अपने साथी कलाकार काजल देवनाथ के साथ लोगों को शास्त्रीय नृत्य का अद्भुत नजारा दिखाया। दानापुर मंडल में कार्यरत सम्राट आद्या ने भारतीय शास्त्रीय नृत्य कथकली और भरतनाट्यम शैली पर आधारित "नवरस" नृत्य की प्रस्तुति से जनसमूह का मन मोह लिया।
नृत्य के पश्चात ताईवान से आई वरिष्ठ ओड़िशी नृत्यांगना हाइडी सिन ने अपने संबोधन में सृष्टि संस्थान में बिताये विगत सात दिनों का अनुभव के साथ प्रस्तुति के बारे में बताया कि हमारा अनुभव अद्वितीय रहा, हमने भारत के कई हिस्सों में कार्यक्रम देखा और प्रस्तुति दिया है पर इस बार का अनुभव अविस्मरणीय रहेगा। उत्सव में मंच संचालन संतोष जी एवम् सुष्मिता झा ने, स्वागत भाषण डॉ अनिल कुमार झा ने तथा धन्यवाद ज्ञापन संस्थान के सचिव डॉ मनोहर पाठक ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में संस्थान के अरूण मंडल, प्रवीण झा, नयन मांझी, सत्य प्रकाश, सोनू जी की महती भूमिका रही।