प्रशांत किशोर द्वारा जन-सुराज को जनता को समर्पित- आलोक आशीष
मीडिया कर्मियों के तीखे सवालों का सारगर्भित जवाब देने में जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर सफल ही नहीं रहे हैं अपितु वे हर तरह से समर्थ भी दिखे। प्रशांत किशोर का अंदाज सभी तरह से भिन्न है।वायदा में यकीन नहीं रखते हुए वे इरादे की बात करते देखे गये है. पढ़े पूरी खबर.........
पटना: मीडिया कर्मियों के तीखे सवालों का सारगर्भित जवाब देने में जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर सफल ही नहीं रहे हैं अपितु वे हर तरह से समर्थ भी दिखे। प्रशांत किशोर का अंदाज सभी तरह से भिन्न है।वायदा में यकीन नहीं रखते हुए वे इरादे की बात करते देखे गये। जनता के शुभेच्छु तो अनेक पार्टियां बयानों में रहीं पर जनसहभागिता के समय सभी दरकिनार हो रहे।
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प्रशांत किशोर ने आस्था, विश्वास का माहौल केवल वचनबद्धता के बूते नहीं कमाया है बल्कि पांच हजार किलोमीटर की दूरी, बीते वर्षों में तय की और वो भी जनता के साथ, जनता के लिए, जनता के द्वारा। ऐसी सूरत में जनता अपने स्वाभिमान से समझौता नहीं कर रही है। पुरस्कार की खुशी और दंड का भय आज ताखे पर है और सूबे की जनता गर्म ताबे पर।
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पत्रकार आलोक आशीष ने कहा कि जिस तरह से जन सुराज में लोगों को बीते दिनों देखा गया उसके बाद एक राजनीतिक पृष्ठभूमि में अमूल -चूल परिवर्तन का संकेत मिल रहे हैं। चहुंओर अपने समर्थकों की अकुलाहट भरी बेचैनी के साथ जनता को जवाबदेह बनाया है प्रशांत किशोर ने।