नशे में धुत प्रहरी, कलंकित वर्दी! बहेड़ी थाना परिसर में चौकीदार और गृहरक्षक की करतूत से पुलिस महकमा शर्मसार निलंबन और अनुशासनिक कार्रवाई से गरजा प्रशासन… पूरी विस्तृत रिपोर्ट पढ़ें और जानें घटना की हर परत

मिथिला की सांस्कृतिक राजधानी, जहाँ समाज और प्रशासन की जिम्मेदारियों का बोझ एक साथ चलता है। यह जिला अपनी परंपरा और संस्कृति के साथ-साथ प्रशासनिक सख़्ती और अनुशासन के लिए भी जाना जाता है। यहाँ की पुलिस व्यवस्था जनता की सुरक्षा का पर्याय मानी जाती है। लेकिन 18 अगस्त 2025 की रात बहेड़ी थाना परिसर से आई एक घटना ने प्रशासन और समाज दोनों को चौंका दिया। थाना परिसर, जो अनुशासन और कानून की रक्षा का प्रतीक है, वहीँ के चौकीदार और गृहरक्षक शराब के नशे में धुत पाए गए. पढ़े पुरी खबर.......

नशे में धुत प्रहरी, कलंकित वर्दी! बहेड़ी थाना परिसर में चौकीदार और गृहरक्षक की करतूत से पुलिस महकमा शर्मसार निलंबन और अनुशासनिक कार्रवाई से गरजा प्रशासन… पूरी विस्तृत रिपोर्ट पढ़ें और जानें घटना की हर परत
नशे में धुत प्रहरी, कलंकित वर्दी! बहेड़ी थाना परिसर में चौकीदार और गृहरक्षक की करतूत से पुलिस महकमा शर्मसार निलंबन और अनुशासनिक कार्रवाई से गरजा प्रशासन… पूरी विस्तृत रिपोर्ट पढ़ें और जानें घटना की हर परत

दरभंगा: मिथिला की सांस्कृतिक राजधानी, जहाँ समाज और प्रशासन की जिम्मेदारियों का बोझ एक साथ चलता है। यह जिला अपनी परंपरा और संस्कृति के साथ-साथ प्रशासनिक सख़्ती और अनुशासन के लिए भी जाना जाता है। यहाँ की पुलिस व्यवस्था जनता की सुरक्षा का पर्याय मानी जाती है। लेकिन 18 अगस्त 2025 की रात बहेड़ी थाना परिसर से आई एक घटना ने प्रशासन और समाज दोनों को चौंका दिया। थाना परिसर, जो अनुशासन और कानून की रक्षा का प्रतीक है, वहीँ के चौकीदार और गृहरक्षक शराब के नशे में धुत पाए गए। यह घटना प्रशासनिक दायरों से निकलकर सामाजिक चर्चा का विषय बन गई।

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घटना की रात : थाने में गूंज उठा शोर: दिनांक 18 अगस्त 2025 की रात लगभग 10 बजे का समय था। बहेड़ी थाना परिसर, जो दिनभर की भागदौड़ के बाद अपेक्षाकृत शांत हो चुका था, अचानक शोरगुल से गूंज उठा। तृतीय ओ०डी० ड्यूटी पर तैनात सहायक अवर निरीक्षक धर्मेन्द्र कुमार को चौकीदार भवन की ओर से शोर सुनाई दिया। धर्मेन्द्र कुमार ने तुरंत अन्य पदाधिकारियों और पुलिसकर्मियों के साथ उस ओर रुख किया। चौकीदार भवन के पास पहुँचते ही यह स्पष्ट हो गया कि शोरगुल का कारण कोई सामान्य विवाद नहीं था। वहाँ मौजूद दो कर्मी, जिन पर थाना परिसर की अनुशासनात्मक छवि को कायम रखने की जिम्मेदारी थी, खुद अनुशासन तोड़ते नज़र आए।

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चौकीदार और गृहरक्षक की पहचान

मौके पर मौजूद दो व्यक्ति थे

1.चौकीदार 01 विमलेश प्रसाद सिंह, पिता स्वर्गीय गुणेश्वर प्रसाद सिंह, निवासी समधपुरा, थाना बहेड़ी, जिला दरभंगा।

2.गृहरक्षक 301405 गौरव कुमार, पिता मुरारी पासवान, निवासी घुड़दौड़, थाना तिलकेश्वर, जिला दरभंगा।

दोनों आपस में शोरगुल कर रहे थे। उनकी बोली लड़खड़ा रही थी और उनके मुँह से शराब की गंध आ रही थी।

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ब्रेथ एनेलाइज़र जांच : सच आया सामने: पुलिसकर्मियों ने स्थिति को नियंत्रित किया और दोनों की स्थिति की पुष्टि के लिए ब्रेथ एनेलाइज़र मशीन मंगाई। जांच के बाद यह स्पष्ट हो गया कि दोनों के शरीर में अल्कोहल की मात्रा मौजूद थी। यह तथ्य सामने आने के साथ ही मामला और गंभीर हो गया, क्योंकि बिहार राज्य में मद्यनिषेध कानून लागू है और वर्दीधारी कर्मियों से इसकी पालना की उम्मीद सबसे पहले की जाती है।

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प्राथमिकी दर्ज : कानून की कार्रवाई: तुरंत बहेड़ी थाना में कांड संख्या 341/25 दिनांक 18.08.2025 के तहत मामला दर्ज किया गया। इस मामले में धारा 37, बिहार मद्यनिषेध एवं उत्पाद अधिनियम 2016 (संशोधित 2022) और धारा 04, बिहार सरकारी सेवक आचरण नियमावली 1976 लागू किया गया। इसके साथ ही दोनों को मौके पर ही गिरफ्तार कर आवश्यक प्रक्रिया के अनुसार न्यायालय में प्रस्तुत करने की कार्रवाई शुरू की गई।

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जाँच प्रतिवेदन और प्रशासनिक अनुशासन: घटना की गंभीरता को देखते हुए अंचल पुलिस निरीक्षक, बहेड़ा अंचल से जाँच कराई गई। जाँच के दौरान दोनों कर्मी दोषी पाए गए। प्रतिवेदन में यह स्पष्ट उल्लेख था कि दोनों ने अनुशासन का उल्लंघन किया है और उनके विरुद्ध कार्रवाई आवश्यक है।

प्रतिवेदन के आधार पर प्रशासन ने आगे की कार्रवाई तय की

1.चौकीदार विमलेश प्रसाद सिंह को निलंबित कर दिया गया। उन्हें सामान्य जीवन यापन भत्ता पर रखा गया है। उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई हेतु प्रपत्र ‘क’ गठित किया गया।

2.गृहरक्षक गौरव कुमार के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई हेतु जिला पदाधिकारी, दरभंगा को प्रतिवेदन भेजा गया, जिसके आलोक में विधि-सम्मत प्रक्रिया चलाई जा रही है।

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शराबबंदी कानून और वर्दीधारी कर्मी: बिहार सरकार ने 2016 में पूर्ण शराबबंदी लागू की थी। इस कानून का उद्देश्य सामाजिक और पारिवारिक स्तर पर शराब के दुष्प्रभावों को रोकना था। कानून के लागू होने के बाद से ही प्रशासनिक तंत्र की जिम्मेदारी बढ़ी कि वह इसकी कठोर पालना सुनिश्चित करे। ऐसे में यदि पुलिसकर्मी, चौकीदार या गृहरक्षक ही इस कानून का उल्लंघन करते पकड़े जाएँ, तो यह सीधा संकेत है कि अनुशासनहीनता ने प्रशासनिक ढाँचे को भी प्रभावित किया है।

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दरभंगा पुलिस की कार्रवाई: दरभंगा पुलिस ने इस घटना के बाद त्वरित कार्रवाई की। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पूरे मामले की जानकारी सार्वजनिक की गई। इस प्रेस विज्ञप्ति में स्पष्ट किया गया कि कानून का उल्लंघन किसी भी स्तर पर स्वीकार्य नहीं है। प्रशासन ने चौकीदार और गृहरक्षक दोनों के विरुद्ध सख़्ती दिखाई और यह संदेश दिया कि वर्दीधारी कर्मियों को किसी भी परिस्थिति में कानून से ऊपर नहीं माना जा सकता।

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अनुशासन और विश्वास का प्रश्न: चौकीदार और गृहरक्षक समाज और पुलिस प्रशासन की पहली कड़ी होते हैं। गाँव और कस्बों में ये ही वे लोग हैं, जिन पर जनता का सीधा विश्वास होता है। यदि यही कर्मी अनुशासनहीनता में लिप्त पाए जाएँ, तो यह सीधे-सीधे प्रशासन की साख पर असर डालता है। दरभंगा पुलिस ने अपनी ओर से कठोर कदम उठाकर इस विश्वास को बनाए रखने की कोशिश की।

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प्रशासनिक प्रक्रिया का विस्तार: इस घटना के बाद विभागीय स्तर पर जो कार्रवाई शुरू हुई, उसमें कई चरण शामिल हैं।

1.निलंबन आदेश: चौकीदार विमलेश प्रसाद सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। निलंबन की अवधि में उन्हें केवल जीवन यापन भत्ता मिलेगा।

2.प्रपत्र ‘क’ का गठन: विभागीय कार्यवाही सुनिश्चित करने हेतु प्रपत्र ‘क’ गठित किया गया। यह प्रशासनिक प्रक्रिया का प्रारंभिक चरण है, जिसमें दोष सिद्ध होने पर आगे की सज़ा तय की जाती है।

3.अनुशासनिक कार्रवाई : गृहरक्षक गौरव कुमार पर जिला पदाधिकारी दरभंगा के स्तर से अनुशासनिक कार्रवाई चलाई जा रही है। इसमें दोष सिद्ध होने पर सेवामुक्ति या अन्य दंडात्मक कार्रवाई संभव है।

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सामाजिक और प्रशासनिक सन्देश: यह घटना इस बात का संकेत है कि प्रशासनिक सेवा में कार्यरत हर व्यक्ति पर जिम्मेदारी का बोझ होता है। चौकीदार और गृहरक्षक छोटे पदों पर होते हुए भी उनकी भूमिका पुलिस तंत्र में बेहद महत्वपूर्ण होती है। उनके विरुद्ध की गई कार्रवाई यह बताने के लिए पर्याप्त है कि अनुशासनहीनता किसी भी स्तर पर स्वीकार्य नहीं है।

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18 अगस्त 2025 की रात दर्ज हुई यह घटना दरभंगा जिले के प्रशासनिक इतिहास में एक सबक के रूप में देखी जाएगी। थाना परिसर, जो कानून और व्यवस्था का प्रतीक है, वहीं पर शराब के नशे में पकड़े गए चौकीदार और गृहरक्षक ने अनुशासन और सेवा की मर्यादा को तोड़ा। लेकिन प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई कर यह स्पष्ट कर दिया कि कानून सबके लिए समान है। चौकीदार का निलंबन और गृहरक्षक के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई प्रशासन की गंभीरता को दर्शाती है। यह घटना एक प्रमाण है कि बिहार पुलिस अपने तंत्र के भीतर भी अनुशासन सुनिश्चित करने में सक्षम है और किसी भी स्तर पर उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।