दरभंगा: समेकित बाल विकास परियोजना की हुई समीक्षा: DM ने अधिकारियों को दिए कई निर्देश

दरभंगा समाहरणालय अवस्थिब बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेदकर सभागार में जिलाधिकारी, दरभंगा राजीव रौशन की अध्यक्षता में समेकित बाल विकास परियोजनाओं की प्रगति समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। पढ़ें पूरी खबर

दरभंगा: समेकित बाल विकास परियोजना की हुई समीक्षा: DM ने अधिकारियों को दिए कई निर्देश

दरभंगा:- दरभंगा, समाहरणालय अवस्थिब बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेदकर सभागार में जिलाधिकारी, दरभंगा राजीव रौशन की अध्यक्षता में समेकित बाल विकास परियोजनाओं की प्रगति समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। बैठक में जिला प्रोग्राम पदाधिकारी डॉ. रश्मि वर्मा ने जिले में अवस्थित आंगनवाड़ी केन्द्र तथा कार्यरत सेविका/सहायिका और रिक्ति के संबंध में जिलाधिकारी महोदय को अवगत कराते हुए कहा कि जिले में 127 पद सेविका का एवं 291 पद सहायिका का रिक्त हैं। बैठक में प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना के संबंध में बताया गया कि जिले की उपलब्धि 83.8 प्रतिशत है। इस योजना में 80 प्रतिशत से कम उपलब्धि वाले प्रखण्ड दरभंगा ग्रामीण, हनुमाननगर, बहेड़ी, हायाघाट एवं बहादुरपुर से स्पष्टीकरण की माँग की गयी है। मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना में कुशेश्वरस्थान पूर्वी की उपलब्धि न्यूनतम रही।

इस योजना में 10 प्रतिशत् से कम उपलब्धि वाले प्रखण्डों के बाल विकास परियोजना पदाधिकारी से कारणपृच्छा करने का निर्देश दिया गया। बताया गया कि 01 लाख 36 हजार 195 बच्चों को जुलाई माह में पौषाहार दिया गया है। इसी प्रकार सेविकाओं द्वारा घर-घर भ्रमण कार्यक्रम में कुशेश्वरस्थान, हायाघाट एवं दरभंगा ग्रामीण की उपलब्धि कम रही। बैठक के दौरान ही केयर इण्डिया के जिला समन्वयक डॉ. श्रद्धा झा द्वारा पावर प्वाइंट प्रस्तुतकरण के माध्यम से बताया गया कि आंकाक्षी जिला की योजना में दरभंगा और सुपौल को स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतरी के लिए चुना गया है।जिलाधिकारी ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में आंकाक्षी जिला में रखने का तात्पर्य है कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में जिला की प्रगति अपेक्षाकृत कम है। डॉ. श्रद्धा झा ने बताया कि इसके लिए 09 इंडिकेटर बनाये गए हैं, जिनमें राष्ट्रीय औसत से अधिक उपलब्धि प्राप्त करनी होगी, जो निम्नलिखित हैं। 4 ए.एन.सी. (4 प्रसव पूर्व जाँच), गर्भवती महिलाओं को आयरन की 180 गोली का वितरण, पूर्ण टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, प्रशिक्षित नर्स से प्रसव, घर में जन्म लेने वाले नवजात शिशु का देखभाल (जिसके लिए आशा को 40 दिनों तक उस घर में भ्रमण करना है), टी.वी. से संबंधित मामले का रोकथाम, आर.भी.एस.के का सफलतापूर्वक अभियान एवं हेल्थ एण्ड वेलनेश सेन्टर का संचालन शामिल है। बताया गया कि जिले में 111 हेल्थ एण्ड वेलनेश सेन्टर क्रियाशील हैं।

जिलाधिकारी ने बैठक में उपस्थित सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार, समेकित बाल विकास परियोजना के पदाधिकारी को हर हाल में इन 09 इन्डीकेटर में राज्य एवं राष्ट्रीय औसत से आगे बढ़ने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि दिसम्बर, 2022 तक राज्य औसत से अधिक उपलब्धि प्राप्त करें तथा अगले वर्ष राष्ट्रीय औसत से अधिक उपलब्धि प्राप्त करना सुनिश्चित करें। बैठक में उप विकास आयुक्त अमृषा बैंस, अनुमंडल पदाधिकारी सदर सहित तमाम पदाधिकारीगण उपस्थित थे।