जवाबदेही की सर्जरी या सुस्त तंत्र पर बिजली की चोट? दरभंगा के तेजतर्रार कप्तान जगुनाथ रेड्डी जलारेड्डी ने बदले थानों के सेनापति; अमित कुमार को मिली लहेरियासराय की कमान, सूरज कुमार गुप्ता अब बहेड़ा के थानेदार क्या अब थानों में उठेगी कार्रवाई की आंधी या चलेगा वही पुराना पंखा?

दरभंगा पुलिस प्रशासन एक बार फिर सख्त, सतर्क और सजग मोड में नजर आ रहा है। जिले के वरीय पुलिस अधीक्षक कार्यालय से जारी एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति ने दो पुलिस पदाधिकारियों की तत्काल प्रभाव से हुई पदस्थापन को सार्वजनिक कर दिया है। यह आदेश न केवल जिम्मेदारी का पुनर्वितरण है, बल्कि संकेत है कि अब "काम दिखाओ, कुर्सी पाओ" का मंत्र जिले की पुलिस व्यवस्था पर लागू हो चुका है. पढ़े पुरी खबर.......

जवाबदेही की सर्जरी या सुस्त तंत्र पर बिजली की चोट? दरभंगा के तेजतर्रार कप्तान जगुनाथ रेड्डी जलारेड्डी ने बदले थानों के सेनापति; अमित कुमार को मिली लहेरियासराय की कमान, सूरज कुमार गुप्ता अब बहेड़ा के थानेदार क्या अब थानों में उठेगी कार्रवाई की आंधी या चलेगा वही पुराना पंखा?
जवाबदेही की सर्जरी या सुस्त तंत्र पर बिजली की चोट? दरभंगा के तेजतर्रार कप्तान जगुनाथ रेड्डी जलारेड्डी ने बदले थानों के सेनापति; अमित कुमार को मिली लहेरियासराय की कमान, सूरज कुमार गुप्ता अब बहेड़ा के थानेदार क्या अब थानों में उठेगी कार्रवाई की आंधी या चलेगा वही पुराना पंखा?

दरभंगा पुलिस प्रशासन एक बार फिर सख्त, सतर्क और सजग मोड में नजर आ रहा है। जिले के वरीय पुलिस अधीक्षक कार्यालय से जारी एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति ने दो पुलिस पदाधिकारियों की तत्काल प्रभाव से हुई पदस्थापन को सार्वजनिक कर दिया है। यह आदेश न केवल जिम्मेदारी का पुनर्वितरण है, बल्कि संकेत है कि अब "काम दिखाओ, कुर्सी पाओ" का मंत्र जिले की पुलिस व्यवस्था पर लागू हो चुका है।

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प्रेस विज्ञप्ति में क्या है खास: 22 मई 2025 को दरभंगा एसपी कार्यालय से जारी पत्र में लिखा गया है कि दो पुलिस पदाधिकारियों को तत्काल प्रभाव से उनके नए पदस्थापन पर कार्यभार ग्रहण करने का निर्देश दिया गया है। यह आदेश स्पष्ट करता है कि कार्य में तत्परता, दक्षता और जवाबदेही अब केवल आदर्श नहीं, बल्कि प्रशासनिक सख्ती का आधार बनने लगे हैं।

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कौन, कहां से, कहां तक?

1.पुनीत अमित कुमार: जो अब तक दरभंगा के जिला सूचना इकाई के प्रभारी पद पर कार्यरत थे, उन्हें जिले के सबसे सक्रिय और चुनौतीपूर्ण थानों में से एक लहेरियासराय थाना का नया थानाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यह पदोन्नति नहीं, बल्कि काबिलियत पर भरोसे की एक बड़ी मोहर मानी जा रही है।

2.पुनीत सूरज कुमार गुप्ता: जो अब तक बहेड़ा थाना में पर्यवेक्षी पदाधिकारी की भूमिका निभा रहे थे, उन्हें अब सीधे उसी बहेड़ा थाना का थानाध्यक्ष बना दिया गया है। यानी अब वे पर्यवेक्षक नहीं, फैसले लेने वाले मुख्य अधिकारी की भूमिका में होंगे।

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क्या है इन बदलावों के मायने? दरभंगा जिले की वर्तमान सामाजिक और आपराधिक परिस्थितियों को देखें तो लहेरियासराय और बहेड़ा दोनों ही थाना क्षेत्र हाल के दिनों में कानून-व्यवस्था के लिहाज से अत्यधिक संवेदनशील रहे हैं। लहेरियासराय जहां राजनीतिक गतिविधियों का गढ़ है, वहीं बहेड़ा पिछले कुछ समय से अपराध, खासकर संदिग्ध चिकित्सकीय लापरवाही और सामुदायिक विवादों को लेकर चर्चा में रहा है।

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ऐसे में पुनीत अमित कुमार को लहेरियासराय भेजना यह बताता है कि एसएसपी ने भरोसेमंद और दक्ष अधिकारी को फ्रंटलाइन की जिम्मेदारी सौंपी है। वहीं, बहेड़ा में सूरज कुमार गुप्ता का पदोन्नयन न केवल उनके कार्यशैली की पुष्टि है, बल्कि स्थानीय हालात को काबू में लाने का भरोसा भी दर्शाता है।

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प्रशासनिक संकेत: "स्थानांतरण नहीं, संदेश है!" पुलिस विभाग में ऐसे छोटे मगर ठोस बदलाव अक्सर आने वाले बड़े फेरबदल की आहट होते हैं। यह नियुक्ति बताती है कि दरभंगा एसएसपी ने ज़मीनी हकीकत को ध्यान में रखकर निर्णय लिया है। यहां न चाटुकारिता है, न राजनीति यह पूरी तरह दक्षता और ज़िम्मेदारी का निर्धारण है।

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जनसंपर्क और डिजिटल उपस्थिति पर भी फोकस: प्रेस विज्ञप्ति के साथ ही दरभंगा पुलिस ने सोशल मीडिया और ईमेल से संपर्क के साधनों को प्रमुखता से प्रकाशित किया है। फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम से लेकर व्हाट्सएप नंबर तक सार्वजनिक किया गया है, ताकि आम जनता सीधे जुड़ सके। यह पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में एक सराहनीय कदम है।

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क्या कहते हैं पुलिस सूत्र? सूत्रों के मुताबिक यह केवल शुरुआत है। आने वाले दिनों में कई और थानों के प्रभारियों की समीक्षा की जा सकती है। जो अधिकारी ग्राउंड पर सक्रिय नहीं, उन्हें हटाकर नए, ऊर्जावान और कार्यक्षम अफसरों को मौका दिया जाएगा।

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जनता क्या उम्मीद रखे? दरभंगा के नागरिक अब उम्मीद कर सकते हैं कि लहेरियासराय और बहेड़ा में पुलिस की उपस्थिति और कार्यशैली में स्पष्ट बदलाव दिखाई देगा। अगर अमित कुमार और सूरज गुप्ता अपने-अपने क्षेत्र में अपराध पर अंकुश लगाने और जनविश्वास अर्जित करने में सफल होते हैं, तो यह बदलाव जिले भर में एक सकारात्मक संदेश देगा।

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दरभंगा पुलिस की यह पहल केवल दो अधिकारियों का तबादला नहीं, बल्कि जवाबदेही की ओर उठाया गया एक निर्णायक कदम है। यह स्पष्ट है कि अब कुर्सियां केवल नाम की नहीं होंगी, जिम्मेदारी और परिणाम की कसौटी पर टिकेंगी। अगर यही गति रही, तो दरभंगा जल्द ही अपराधमुक्ति की राह पर एक मजबूत कदम बढ़ा चुका होगा।