भाजपा MLC सुनील चौधरी ने त्रिस्तरीय पंचायत राज प्रतिनिधि के संवैधानिक अधिकार के लिए राज्य सरकार के समक्ष रखा 11 सूत्री मांग, कहा राज्य सरकार त्रिस्तरीय पंचायत राज के अधिकार का कर रही है हनन
त्रिस्तरीय पंचायत राज को मिले अधिकार में हस्तक्षेप और खास कर मुखिया के अधिकार में कटौती करने को लेकर भाजपा एमएलसी सुनील चौधरी ने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। वही उन्होंने बिहार सरकार पर विफरते हुए कहा कि राज्य सरकार ग्राम पंचायत राज में कटौती कर रही है। वह अत्यंत ही निंदनीय है. पढ़ें पूरी खबर.....
दरभंगा - त्रिस्तरीय पंचायत राज को मिले अधिकार में हस्तक्षेप और खास कर मुखिया के अधिकार में कटौती करने को लेकर भाजपा एमएलसी सुनील चौधरी ने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। वही उन्होंने बिहार सरकार पर विफरते हुए कहा कि राज्य सरकार ग्राम पंचायत राज में कटौती कर रही है। वह अत्यंत ही निंदनीय है। राज्य सरकार त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था में जनता के द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों को अपमानित कर रही है।
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वही उन्होंने कहा कि ऊपर बैठे लोगों को यह भ्रम है कि इन लोगों ने अधिकार दिया है जबकि सच यह है कि पंचायत प्रतिनिधियों को यह संविधान में अधिकार दिया गया है जिस अधिकार का हनन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले मुखिया वार्ड मेंबर जिला परिषद उनके अधिकार क्षेत्र में विकास की कई योजनाएं रहती थी। वही अब कॉन्ट्रैक्ट लेवल पे अधिकार दिया जा रहा है। अधिकार में कटौती के बाद अब ग्राम पंचायत में क्या हो रहा है। यह किसी से छुपा हुआ नहीं है। सारी जवाबदेही मुखिया को देना पड़ता है और किसी तरह की अव्यवस्था होती है तो फिर मुखिया को जेल भेजा जाता है। ये कहा तक उचित है।
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वही भाजपा एमएलसी सुनील चौधरी ने बिहार सरकार से 11 सूत्री मांग किया है। जिसमे ग्राम पंचायत को 73 वां संविधान संशोधन के तहत प्रदत 29 अधिकारों को पूर्णरूपेण ग्राम पंचायत को सौंपा जाए। ग्राम सभा कि रक्षा हेतु पारित निर्णयों का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए। ग्राम सभा से चयनित योजनाओं को प्राथमिकता दी जाए। सरकार ग्राम सभा में अनावश्यक हस्तक्षेप बंद किया जाए। मुख्यमंत्री सोलर स्ट्रीट लाईट योजना में ब्रेडा असफल हो चुकी है इसे पुनः ग्राम पंचायत को सौंपा जाए। पंचायत सरकार भवन निर्माण में लगे LAEO को हटाकर ग्राम पंचायतों को क्रियान्वयन का जिम्मा दिया जाए।
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मुख्यमंत्री नल-जल योजना का कार्य पुरी तरह बाधित है। इसे पी.एच.ई.डी. से हटाकर पुन वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति को दिया जाए। ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों का वेतन / भत्ता में बढ़ोतरी की जाय। जिला परिषद् सदस्य को 25,000/- एवं मुखिया को 10,000/- उप मुखिया 7,000/- वार्ड सदस्य- 5000/- दिया जाए। ग्राम पंचायत के सभी जनप्रतिनिधियों को उनकी सुरक्षा हेतु आवश्यकता अनुसार उनके मांग पर आर्म्स का लाइसेंस दिया जाए। पंचायतों में बंद परे कबीर अंत्योष्टि योजना को चालू किया जाए। सभी प्रकार के सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना को गति प्रदान किया जाए। ग्राम पंचायतों को पुनः जन्म, मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का अधिकार दिया जाए।