बारिश और धूप के बीच पीएचसी के बरामदे पर बर्बाद हो रहे है लाखों की दवा, प्रभारी ने कहा क्षति का जिम्मेदार मैं नही, सरकार

दरभंगा जिले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से सदर पीएचसी में रखे लाखों रुपये की दवाइयां वर्षा के पानी के झोंके और धूप के कारण खराब हो रही है। इन दवाओं को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (CHC) में इलाज के लिए आने वाले मरीजों के बीच निःशुल्क वितरण किया जाना था, लेकिन दवा विभागीय लापरवाही के कारण इन दवाओं को पीएचसी के बरामदे पर छोड़ दिया गया. पढ़े पूरी खबर..........

बारिश और धूप के बीच पीएचसी के बरामदे पर बर्बाद हो रहे है लाखों की दवा, प्रभारी ने कहा क्षति का जिम्मेदार मैं नही, सरकार
बारिश और धूप के बीच पीएचसी के बरामदे पर बर्बाद हो रहे है लाखों की दवा, प्रभारी ने कहा क्षति का जिम्मेदार मैं नही, सरकार; फोटो: मिथिला जन जन की आवाज
बारिश और धूप के बीच पीएचसी के बरामदे पर बर्बाद हो रहे है लाखों की दवा, प्रभारी ने कहा क्षति का जिम्मेदार मैं नही, सरकार

दरभंगा - जिले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से सदर पीएचसी में रखे लाखों रुपये की दवाइयां वर्षा के पानी के झोंके और धूप के कारण खराब हो रही है। इन दवाओं को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (CHC) में इलाज के लिए आने वाले मरीजों के बीच निःशुल्क वितरण किया जाना था, लेकिन दवा विभागीय लापरवाही के कारण इन दवाओं को पीएचसी के बरामदे पर छोड़ दिया गया। वही सदर पीएचसी के प्रभारी इस नुकसान का ठीकरा सरकार पर फोर रही है।

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पानी और धूप के बीच बर्बाद हो रही है दवा: दरअसल, यह तस्वीर दरभंगा सदर पीएचसी में बरामदे पर रखी गई विभिन्न प्रकार की दवाओं की है। दवा भंडार के लिए सही स्थल के अभाव में करीब 20 दिनों से यह स्थिति है। इन दवाओं को तेज धूप व अस्पाल के बरामदे पर बारिश के झोंके बीच रखा गया है, जिससे दवा की गुणवत्ता और उसकी शक्ति प्रभावित हो रही है। तय मापदंड के मुताबिक अधिकतर दवाओं को रूम टेंपरेचर 22 से 25 डिग्री सेल्सियस पर रखना चाहिए। लेकिन यहां रखी गई दवाएं औसतन 38 से 40 डिग्री सेल्सियस तापमान झेल रही हैं। वहीं कुछ दवाओं को फ्रीजर में भी रखने की जरूरत होती है, लेकिन यहां वह भी कबाड़ में पड़े पानी और धूप के बीच बर्बाद हो रही है।

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जगह के अभाव में बाहर रखनी पड़ती है दवा: सदर पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. उमाशंकर प्रसाद ने बताया कि सिविल सर्जन ऑफिस से ये सभी दवाएं मिली हैं, जो एडिशनल पीएचसी एवं हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के लिए हैं। यहां दवा रखने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है, मजबूरी में बाहर रखनी पड़ती है। पीएचसी को प्रखंड की ओर से कुल आठ कमरा मिला हुआ है। उसी में अस्पताल चल रहा है। बाद में अस्पताल को दवा भंडारण के लिए एक रूम और मिला। लेकिन उसमे रखने के बाद भी बरामदा पर पड़ा हुआ है। वही उन्होंने कहा कि क्षति का आंकड़ा लगाना मुश्किल है। दवा भंडारण की समस्या पहले से है। चूंकि स्टोर रूम पर्याप्त नही है। वही उन्होंने कहा कि इस क्षति का जिम्मेदार सरकार है। मेरे पास दवा रखने के लिए रूम नही है।

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लापरवाही सामने आने पर होगी कारवाई: वही जब इस क्षति के संबंध में दरभंगा के सिविल सर्जन डॉ अरुण कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मैने अभी दवा को देखा नही है कितना भींगा है। इस बात की जानकारी सदर के पीएचसी के प्रभारी के द्वारा मुझे नही दी गई है। अगर दवा रखने की जगह की जानकारी हमे दिया जाता तब न हम व्यवस्था करते। फिलहाल दवा कितना भींगा है ये आंकड़ा मेरे पास नही है। इस बात की जानकारी पीएचसी के प्रभारी को देना है। जांच में अगर लापरवाही सामने आएगी, तो हम करवाई करेंगे। मुझे इस बात का खबर नही दिया गया है।

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जगह के अभाव में बरामदे पर रखी है दवा: बताते चले कि सदर प्रखंड में संचालित सरकारी अस्पतालों के लिए दवा की आपूर्ति सदर पीएचसी के माध्यम से की जाती है। हेल्थ एंड वेलनेस सेन्टर और अतिरिक्त स्वास्थ केंद्रों में दवा के भंडारण की व्यवस्था नहीं है। वही दूसरी तरफ पीएचसी में भी दवा के भंडारण की व्यवस्था नहीं है। जिस वजह से दवा पीएचसी के बरामदे पर जैसे-तैसे और जहां-तहां रखी जाती हैं।