दरभंगा मिथिला विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती समारोह के अवसर पर जुबली हॉल में संगीत संध्या का आयोजन
लनामि विवि के कुलपति प्रो. एसपी सिंह ने कहा कि जिसमें बदलाव नहीं होता है, वह विकास नहीं करता है। पढ़ें खबर को
दरभंगा। लनामि विवि के कुलपति प्रो. एसपी सिंह ने कहा कि जिसमें बदलाव नहीं होता है, वह विकास नहीं करता है। जिसमें परिवर्तन की क्षमता होती है, वही आगे बढ़ता जाता है। विश्वविद्यालय की आगे की विकास यात्रा जारी रहेगी। ये बातें उन्होंने गुरुवार को विवि के स्वर्ण जयंती वर्ष पर जुबली हॉल में आयोजित संगीत संध्या में कही।
कार्यक्रम का आयोजन पीजी संगीत एवं नाट्य विभाग की ओर से किया गया था। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय सभी तरह के विचारों की सुरक्षा, नवसृजन एवं अपने छात्र- छात्राओं के द्वारा ही जाना जाता है। इस विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों में उत्साह की कोई कमी नहीं है। 50 वर्ष की अवधि में विश्वविद्यालय अनवरत युवाओं एवं उनके विचारों के साथ आगे बढ़ा है और यह प्रयास अनवरत जारी रहेगा। वैसे 50 वर्ष किसी भी संस्था के लिए बहुत अधिक नहीं होता है, फिर भी आज स्वर्ण जयंती के अवसर पर हम अपना मूल्यांकन कर रहे हैं और नए उत्साह व विचारों से विश्वविद्यालय को आगे बढ़ाने के लिए कृतसंकल्पित हो रहे हैं।
प्रो. लावण्य कीर्ति सिंह काव्या के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में स्वागत संबोधन दूरस्थ शिक्षा केन्द्र के निदेशक प्रो. अशोक मेहता ने किया। इस अवसर पर भारतनाट्यम के माध्यम से हर्ष प्रिया ने गणेश पुष्पांजलि, सृष्टि फाउंडेशन के जय प्रकाश पाठक के नेतृत्व में ओडेसी नृत्य के माध्यम से श्रेया झा, स्पृहा झा, निशा सिंह, पलक राज व श्रुति सिंह ने शिव स्तुति प्रस्तुत किया। डॉ. सोनी कुमारी, रूपेश गुप्ता के नेतृत्व में श्रेया भारद्वाज, नीतू चौधरी व संजीता प्रजापति ने कथक नृत्य के माध्यम से रुद्राष्टकम और कृष्ण वंदना प्रस्तुत किया। डॉ. ममता ठाकुर ने सुगम गीत के अंतर्गत गोपाल सिंह नेपाली की जलने का नाम है जिंदगी... व चौमासा, डॉ. पुष्कर कुमार झा ने विद्यापति के उगना रे.. तथा गजल जिन्हें देखने को जिए जा रहे हैं.. प्रस्तुत किया। लोक नृत्य के अंतर्गत शुभ सिंह, अंशु कुमारी, सिमरन कुमारी, नेहा, खुशी व संस्कृति ने मनमोहक कजरी नृत्य प्रस्तुत किया, जिसे श्रोताओं ने खूब सराहा।
मौके पर प्रतिकुलपति प्रो. डॉली सिन्हा, कुलसचिव प्रो. मुश्ताक अहमद, वित्त पदाधिकारी कैलाश राम, कुलानुशासक प्रो. अजय नाथ झा, उप कुलसचिव प्रथम डॉ. कामेश्वर पासवान, पेंशन पदाधिकारी सुरेश पासवान, एनएसएस को-ऑर्डिनेटर द्वय डॉ. विनोद बैठा व डॉ. आनंद प्रकाश गुप्ता, डब्ल्यूआईटी के निदेशक प्रो. विमल इंदु शेखर झा, आइक्यूएसी कोऑर्डिनेटर डॉ. जिया हैदर, उप खेल पदाधिकारी अमृत कुमार झा, डॉ. अवनि रंजन सिंह, डॉ. दिवाकर सिंह, प्रेस मीडिया पदाधिकारी डॉ. आरएन चौरसिया, वाणिज्य संकायाध्यक्ष प्रो. बीबीएल दास, सामाजिक विज्ञान संकायध्यक्ष प्रो. जितेंद्र नारायण आदि थे।