कैलेण्डर जारी : कौशल विकास के जरिए आत्मनिर्भर बन सकते हैं ग्रामीण युवा

जिलाधिकारी के कार्यालय प्रकोष्ट में जिलाधिकारी, दरभंगा राजीव रौशन ने महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद् उच्चतर शिक्षा संस्थानों में उद्यमिता को बढावा देने हेतु पोस्टर जारी किया। पढ़ें पूरी खबर

कैलेण्डर जारी : कौशल विकास के जरिए आत्मनिर्भर बन सकते हैं ग्रामीण युवा

दरभंगा :- जिलाधिकारी के कार्यालय प्रकोष्ट में जिलाधिकारी, दरभंगा राजीव रौशन ने महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद् उच्चतर शिक्षा संस्थानों में उद्यमिता को बढावा देने हेतु पोस्टर जारी किया। उक्त अवसर पर जिलाधिकारी ने उच्चतर शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार अन्तर्गत महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद् द्वारा किये जा रहे इस कार्यक्रम को स्वागत योग्य बताते हुए कहा कि कॉलेज स्तर पर अध्ययन करने वाले छात्र/छात्राओं के लिए यह एक ऐसा अवसर है, जिसमें वे अपने कॉलेज परिसर में स्वयं सहायता समूहों का निर्माण कर अपनी उद्यमशीलता एवं कौशल का प्रदर्शन कर सकते हैं।

उन्होंने बताया कि उद्यमिता और कारीगरी दोनों को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक कॉलेज को छात्र स्वंय सहायता समूह (एस.एस.एच.जी) बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय उद्यमिता अन्तर्गत छात्र/छात्राओं के बीच व्यापक प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से ही आज विभिन्न तीन समूहों के लिए विभिन्न थीम यथा - ग्रामीण उद्यमिता गतिविधियों, सामाजिक उद्यमिता और सतत विकास गतिविधियों तथा व्यवसायिक शिक्षा और कौशल गतिविधियों पर आधारित पोस्टर जारी किया गया है, ताकि महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद् द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले मंच के माध्यम से अधिक से अधिक छात्र/छात्राएँ अपनी उद्यमिता एवं कौशन प्रदर्शन कर सकें। उक्त अवसर पर महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद् के प्रोजेक्ट फैकल्टी स्मिता कुमारी एवं हनी कुमारी ने बताया कि उच्चतर शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार अन्तर्गत महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद वस्तुतः देश भर में विश्वविद्यालय एवं स्वायत संस्थानों द्वारा पेश किये जाने वाले उच्च शिक्षा कार्यक्रमों के लिए पाठ्यक्रम इनपुट को बढ़ावा देता है।

इसके साथ-साथ उच्च शिक्षण संस्थानों को व्यवहारिक ज्ञान, सामूहिकता, सामाजिक उत्तरदायित्वों, कौशल एवं व्यवसायिक शिक्षा, सतत विकास, स्वच्छता तथा ग्रामीण एवं सामाजिक उद्यमिता जैसे विषयों पर भी महत्वपूर्ण इनपुट उपलब्ध कराता है, ताकि ग्रामीण युवाओं को उनके कौशल विकास के जरिए उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया जा सके। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य व्यवसायिक शिक्षा - नई तालिम - अनुभवात्मक शिक्षा प्रकोष्ठ (VENTEL Cell) ग्रामीण उद्यमिता विकास प्रकोष्ठ (RED Cell), सामाजिक उद्यमिता, स्वच्छता एवं ग्रामीण इंगेजमेंट प्रकोष्ठ (SESRE Cell)  गठित करना, विद्यार्थियों में उद्यमिता/व्यवसाय की भावना विकसित करने हेतु छात्र स्वयं-सहायता समूह गठित करने पर बल देना, उच्च शिक्षण संस्थान मे उद्यमिता और व्यवसायिक (Vocational) शिक्षा की जरूरत पर बल देना है।