दरभंगा पब्लिक स्कूल के मंच पर उतरा संघर्ष और सफलता का उजास: ‘पंचायत’ वेब सीरीज़ के लोकप्रिय अभिनेता दुर्गेश कुमार ने छात्रों संग साझा किया अभिनय, साहित्य और जीवन का अनुभव; निदेशक डॉ. विशाल गौरव के साक्षात्कार, सुगंधा चौधरी के स्मृति-चिह्न, दिव्येंदु बिस्वास की पाग-चादर और शिक्षिका डिम्पल सरस्वत के भावुक स्वागत ने इस क्षण को बना दिया ऐतिहासिक

इतिहास गवाह है कि जब भी कला और साहित्य का संगम किसी शिक्षा मंदिर में होता है, तो वहां से आने वाली प्रेरणा पीढ़ियों तक याद रखी जाती है। ऐसा ही एक अविस्मरणीय क्षण आज दिल्ली मोड़ स्थित दरभंगा पब्लिक स्कूल में देखने को मिला, जब लोकप्रिय अभिनेता और राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (NSD) के पूर्व छात्र दुर्गेश कुमार ने विद्यालय परिवार के साथ एक सजीव संवाद स्थापित किया। यह अवसर न केवल विद्यालय के लिए बल्कि पूरे दरभंगा शहर के लिए गौरव और प्रेरणा का दिन साबित हुआ. पढ़े पुरी खबर......

दरभंगा पब्लिक स्कूल के मंच पर उतरा संघर्ष और सफलता का उजास: ‘पंचायत’ वेब सीरीज़ के लोकप्रिय अभिनेता दुर्गेश कुमार ने छात्रों संग साझा किया अभिनय, साहित्य और जीवन का अनुभव; निदेशक डॉ. विशाल गौरव के साक्षात्कार, सुगंधा चौधरी के स्मृति-चिह्न, दिव्येंदु बिस्वास की पाग-चादर और शिक्षिका डिम्पल सरस्वत के भावुक स्वागत ने इस क्षण को बना दिया ऐतिहासिक
दरभंगा पब्लिक स्कूल के मंच पर उतरा संघर्ष और सफलता का उजास: ‘पंचायत’ वेब सीरीज़ के लोकप्रिय अभिनेता दुर्गेश कुमार ने छात्रों संग साझा किया अभिनय, साहित्य और जीवन का अनुभव; निदेशक डॉ. विशाल गौरव के साक्षात्कार, सुगंधा चौधरी के स्मृति-चिह्न, दिव्येंदु बिस्वास की पाग-चादर और शिक्षिका डिम्पल सरस्वत के भावुक स्वागत ने इस क्षण को बना दिया ऐतिहासिक

दरभंगा। इतिहास गवाह है कि जब भी कला और साहित्य का संगम किसी शिक्षा मंदिर में होता है, तो वहां से आने वाली प्रेरणा पीढ़ियों तक याद रखी जाती है। ऐसा ही एक अविस्मरणीय क्षण आज दिल्ली मोड़ स्थित दरभंगा पब्लिक स्कूल में देखने को मिला, जब लोकप्रिय अभिनेता और राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (NSD) के पूर्व छात्र दुर्गेश कुमार ने विद्यालय परिवार के साथ एक सजीव संवाद स्थापित किया। यह अवसर न केवल विद्यालय के लिए बल्कि पूरे दरभंगा शहर के लिए गौरव और प्रेरणा का दिन साबित हुआ।

संघर्ष और सफलता की कहानी: ‘पंचायत’ वेब सीरीज़ के माध्यम से देशभर में अपनी अलग पहचान बनाने वाले अभिनेता दुर्गेश कुमार ने अपने जीवन का संघर्ष और कला यात्रा छात्रों के साथ साझा की। उन्होंने बताया कि उनका सफर आसान नहीं रहा, लेकिन धैर्य, अनुशासन और मेहनत ने उन्हें सफलता की ऊँचाइयों तक पहुँचाया। उन्होंने छात्रों को यह विश्वास दिलाया कि जुनून और एकाग्रता से किया गया प्रयास कभी व्यर्थ नहीं जाता।उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि अब तक वे 65 से अधिक फ़िल्मों और वेब सीरीज़ में अभिनय कर चुके हैं। हाईवे, सुल्तान, संजू, धड़क, भक्षक, लापता लेडीज़ जैसी चर्चित फ़िल्में और पंचायत जैसी सुपरहिट वेब सीरीज़ उनकी कला यात्रा का महत्वपूर्ण हिस्सा रही हैं।

साहित्य और सोच का गहरा रिश्ता: संवाद के दौरान उन्होंने साहित्य के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा “मुंशी प्रेमचंद, फणीश्वरनाथ रेणु और बाबा नागार्जुन जैसे महान कथाकारों की रचनाएँ हमें जीवन की गहराइयों से परिचित कराती हैं। साहित्य केवल पढ़ने की चीज़ नहीं है, बल्कि यह हमारी सोच को व्यापक और व्यक्तित्व को परिपक्व बनाता है।” उन्होंने छात्रों को किताबों के प्रति लगाव बढ़ाने और जीवन में अनुशासन लाने की सलाह दी।

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निदेशक डॉ. विशाल गौरव का साक्षात्कार: इस अवसर पर विद्यालय के निदेशक डॉ. विशाल गौरव ने मंच पर दुर्गेश कुमार का साक्षात्कार लिया। साक्षात्कार के दौरान कई रोचक प्रश्न पूछे गए, जिनके उत्तर अभिनेता ने बेहद सहजता और आत्मीयता से दिए। छात्रों ने अभिनय की बारीकियों, मंच भय से निपटने, दबाव की स्थिति में आत्मविश्वास बनाए रखने जैसे मुद्दों पर सवाल किए। उनके जवाब छात्रों के लिए दिशा-दर्शक साबित हुए।

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सम्मान और अभिनंदन: विद्यालय परिवार ने दुर्गेश कुमार का परंपरागत और भावनात्मक स्वागत किया। विद्यालय प्रबंधन की ओर से सुगंधा चौधरी ने उन्हें स्मृति-चिह्न भेंट कर सम्मानित किया। वहीं उप-प्राचार्य दिव्येंदु बिस्वास ने मिथिला की परंपरा के अनुरूप पाग-चादर से अभिनंदन किया। इस दौरान विद्यालय की शिक्षिका डिम्पल सरस्वत ने अभिनेता के जीवन और करियर पर आधारित एक संक्षिप्त लेकिन प्रभावशाली वीडियो प्रस्तुत किया, जिसने पूरे वातावरण को भावुक और प्रेरणादायी बना दिया।

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छात्रों का उत्साह और प्रेरणा: कार्यक्रम के अंत में छात्रों ने अभिनेता से व्यक्तिगत रूप से मुलाक़ात की। उन्होंने अपने सवाल रखे, अनुभव साझा किए और अभिनेता से आत्मविश्वास एवं प्रेरणा का नया संबल पाया। बच्चे इस अवसर को अपने जीवन का सुनहरा पल मानते रहे।

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एक ऐतिहासिक दिन: दरभंगा पब्लिक स्कूल का यह दिन निश्चित रूप से इतिहास के पन्नों में दर्ज किया जाएगा। जिस तरह से एक संघर्षशील कलाकार ने अपने अनुभव, साहित्य प्रेम और अभिनय यात्रा को छात्रों के साथ साझा किया, उसने इस अवसर को यादगार बना दिया। विद्यालय के निदेशक डॉ. विशाल गौरव, उप-प्राचार्य दिव्येंदु बिस्वास, शिक्षिका डिम्पल सरस्वत और प्रबंधन की ओर से सुगंधा चौधरी की उपस्थिति और योगदान ने इस आयोजन को भव्यता प्रदान की। यह दिन सिर्फ़ एक विद्यालयी कार्यक्रम नहीं था, बल्कि यह दरभंगा शहर की सांस्कृतिक और शैक्षिक स्मृति में दर्ज हो गया। आने वाले समय में जब भी प्रेरणा, संघर्ष और सफलता की बात होगी, दरभंगा पब्लिक स्कूल का यह कार्यक्रम एक मिसाल के रूप में लिया जाएगा।