ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा में नये कुलसचिव के रूप में डा अजय कुमार पंडित ने किया योगदान, छात्रों की समस्याओं का ससमय निष्पादन मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता

कुलाधिपति के आदेश से ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के नए कुलसचिव के रूप में डा अजय कुमार पंडित ने आज कुलपति प्रोफेसर सुरेन्द्र प्रताप सिंह के समक्ष योगदान किया. पढ़े पूरी खबर....

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा में नये कुलसचिव के रूप में डा अजय कुमार पंडित ने किया योगदान, छात्रों की समस्याओं का ससमय निष्पादन मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता

दरभंगा: कुलाधिपति के आदेश से ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के नए कुलसचिव के रूप में डा अजय कुमार पंडित ने आज कुलपति प्रोफेसर सुरेन्द्र प्रताप सिंह के समक्ष योगदान किया। इस अवसर पर जुबली हॉल में निवर्तमान कुलसचिव प्रोफेसर मुश्ताक अहमद की विदाई एवं नवनियुक्त कुलसचिव डा अजय कुमार पंडित का अभिनंदन समारोह कुलपति प्रोफेसर एसपी सिंह की अध्यक्षता में आयोजित किया गया।

जिसमें प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉली सिन्हा, वित्तीय परामर्शी कैलाश राम, पूर्व कुलसचिव प्रो मुश्ताक अहमद तथा नवनियुक्त कुलसचिव डा अजय कुमार पंडित के साथ ही सभी संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, पदाधिकारी, कई प्रधानाचार्य, सीनेट एवं सिंडिकेट के सदस्य, शिक्षकेतर कर्मीगण तथा छात्र- छात्राएं आदि उपस्थित थे। अपने संबोधन में कुलपति प्रोफेसर एस पी सिंह ने कहा कि 1976 में व्याख्याता बनने के साथ ही उच्च शिक्षा का मेरा बहुत लंबा अनुभव रहा है। मुझे यूजीसी नैक आदि में सदस्य, संयोजक तथा अध्यक्ष आदि के रूप में काम करने का मौका मिला है।

अच्छे शिक्षक हमेशा दूसरों के प्रेरक होते हैं। वे कुछ नया करने की सीख देते हुए नए वातावरण को भी बनाते हैं। आज के कार्यों का परिणाम काफी दिनों बाद मिलता है। पूरे बिहार में मेरे प्रयास से ही प्रमाण पत्रों पर अब कुलपति के डिजिटल साइन होते हैं, अन्यथा पहले भी सी का काफी समय हस्ताक्षर में ही लग जाता था। फिर 3 वर्षीय की जगह 4 वर्षीय राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आधारित सीबीसीएस प्रणाली स्नातक स्तर में बिहार प्रांत में इस बार से लागू हुई। कुलपति ने कहा कि मैं पॉलिसी के साथ ही एक्शन में विश्वास करता हूं।

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प्रोफेसर मुश्ताक प्रशासनिक क्षमता से संयुक्त शिक्षक हैं। मैं सौभाग्यशाली हूं कि मेरी सभी नीतियों एवं शैलियों को इन्होंने सफल बनाया। निकट भविष्य में मिथिला विश्वविद्यालय प्रदेश ही नहीं, अपितु देश का अग्रणी विश्वविद्यालय बनेगा। मेरी यह क्षमता नहीं है कि मैं 18 घंटे या अधिक काम कर सकूं, पर मुझमें लोगों से बेहतरीन काम लेने की क्षमता अवश्य है। पदों की अपनी मर्यादा होती है। जब कोई भी नीति बनती है तो उससे लागू भी करना जरूरी होता है, जिसमें कठोरता भी हो सकती है। एक सहयोगी कुलसचिव के रूप में प्रोफेसर मुश्ताक ने मेरा साथ दिया।

विश्वविद्यालय मुखिया के नाते मैं नए कुलसचिव का स्वागत करता हूं और उम्मीद करता हूं कि ये भी विश्वविद्यालय को आगे बढ़ाने में मेरा साथ देंगे। प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉली सिन्हा ने कहा कि परिवर्तन ही जीवन का सत्य है। संस्थाओं में व्यक्ति के आने- जाने का सिलसिला लगा रहता है। प्रो मुश्ताक साहित्य के जानकार होते हुए भी ये प्रशासनिक क्षमता से युक्त व्यक्तित्व हैं। विश्वविद्यालय बड़े परिवर्तन की ओर गतिशील है, जिसमें नए कुलसचिव भी अपना योगदान देंगे। संस्था स्थायी तथा व्यक्ति से ऊपर होता है।

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नवनियुक्त कुलसचिव डा अजय कुमार पंडित ने कहा कि मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति बिहार के सर्वश्रेष्ठ कुलपति हैं। उनके नेतृत्व में मैं आज से ही नैक आदि कार्यों को प्रारंभ कर दिया हूं। हम सब मिलकर काम करेंगे, तभी यह बिहार में नंबर वन विश्वविद्यालय बना रहेगा और बेहतर नैक ग्रेड भी प्राप्त करेगा। उन्होंने जे के कॉलेज, बिरौल से पटना विश्वविद्यालय में भौतिकी के प्राध्यापक बनने तथा जे पी विश्वविद्यालय में प्रधानाचार्य के पद से होते हुए मिथिला विश्वविद्यालय के कुलसचिव बनने का संक्षिप्त सफर बताते हुए कहा कि छात्रों की समस्याओं का ससमय निष्पादन करना मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।

अपने संबोधन में प्रो मुश्ताक अहमद ने कुलाधिपति तथा उनके अधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त किया कि इतने दिनों तक कुलसचिव के रूप में काम करने का मौका दिया। साथ ही सभी पदाधिकारियों, शिक्षकों, शिक्षकेत्तर कर्मियों एवं छात्र- छात्राओं को भी सहयोग करने के लिए धन्यवाद करते हुए कहा कि मैंने कभी भी टेबल पर कोई संचिका अगले दिन के लिए नहीं छोड़ा था। उन्होंने कहा कि प्रोफेसर एस पी सिंह सिर्फ भी सी के रूप में यहां नहीं आए, बल्कि विश्वविद्यालय को नई दिशा- दशा देने का काम किया।

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मुझे खुशी है कि मैंने वर्तमान में वाइस चांसलर के साथ काम करते हुए अनुशासन, प्रशासन तथा मानवीय मूल्यों को सीखा है, जिन्हें कभी नहीं भुला सकता। उन्होंने कहा कि नए कुलसचिव को भी यहां के बारे में काफी कुछ मालूम है, जिनसे उन्हें बेहतर काम करने में आसानी होगी।

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इस अवसर पर विश्वविद्यालय के वित्तीय परामर्शी कैलाश राम, सीनेट सदस्य डा बैद्यनाथ चौधरी 'बैजू', सी एम साइंस कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो दिलीप कुमार चौधरी तथा पूर्व कुलानुशासक डा अजीत कुमार चौधरी आदि ने अपने विचार रखे, जबकि डा मो रहमतुल्लाह, डा अयाज अहमद, डा आनंद मोहन मिश्र, प्रो शहनाज, डा दिलीप कुमार, डा अवधेश प्रसाद यादव, मो इकबाल, डा मनोज कुमार तथा डा विनोद बैठा आदि ने पुष्पगुच्छ नए कुलसचिव का स्वागत तथा प्रो मुश्ताक अहमद के प्रति सम्मान व्यक्त किया। प्रो अशोक कुमार मेहता के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में स्वागत संबोधन कुलानुशासक प्रो अजय नाथ झा ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन प्रो अरुण कुमार सिंह ने किया।