दरभंगा में साइनस का ऑपरेशन कराने पहुंची रेखा ने गंवा बैठी अपनी आंख की रोशनी, परिजन ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए किया हंगामा
ईश्वर के बाद अगर किसी व्यक्ति को जिंदगी देता है तो वह डॉक्टर ही है। इसीलिए उसे धरती का भगवान कहा जाता है। डॉक्टरी पेशे में कई बार ऐसे पल आते हैंं जब जीवन की उम्मीद लोग छोड़ देते हैं उस वक्त डॉक्टर मौत को मात देकर जिंदगी बचा लेता है। डॉक्टर के यही प्रयास लोगों की जिंदगी में नया सवेरा लाते हैं। परंतु कई बार चिकित्सक की लापरवाही के कारण मरीज अनेक समस्याओं से घिर जाती है. पढ़े पूरी खबर...
दरभंगा - ईश्वर के बाद अगर किसी व्यक्ति को जिंदगी देता है तो वह डॉक्टर ही है। इसीलिए उसे धरती का भगवान कहा जाता है। डॉक्टरी पेशे में कई बार ऐसे पल आते हैंं जब जीवन की उम्मीद लोग छोड़ देते हैं उस वक्त डॉक्टर मौत को मात देकर जिंदगी बचा लेता है। डॉक्टर के यही प्रयास लोगों की जिंदगी में नया सवेरा लाते हैं। परंतु कई बार चिकित्सक की लापरवाही के कारण मरीज अनेक समस्याओं से घिर जाती है। ताजा मामला जिले के बेंता स्थित पन्ना यूरो एन्ड इएनटी अस्पताल है। जहां साइनस का इलाज कराने गई एक रोगी को ऑपरेशन के बाद बायें आँख की रोशनी चली गई।
जिसके बाद मरीज के परिजन ने अस्पताल में जमकर बबाल काटते हुए इस घटना की लिखित शिकायत लहेरियासराय थाना में दिया। दरअसल, मधुबनी जिला के झंझारपुर थाना क्षेत्र के बेहट गांव निवासी रोगी सीमा राय उर्फ रेखा देवी के भाई अरुण कुमार राय ने बेता स्थित पन्ना यूरो एंड इ एन टी अस्पताल में डॉ मोना सरावगी के यहां 19 नवम्बर को अपनी 52 वर्षीय बहन को नाक का साइनस के ऑपरेशन हेतु एडमिट कराया था। एडमिट करने से पहले डॉ मोना सरावगी द्वारा सभी प्रकार का जांच कराया गया। जिसके बाद डॉक्टर ने कहा कि मरीज के दाहिने नाक का ऑपरेशन होगा। क्योंकि नाक में मांस भर गया है।
डॉ.मोना सरावगी, पन्ना न्यूरो एंड ईएनटी अस्पताल
वही मरीज रेखा देवी के भाई अरुण कुमार राय ने कहा कि डॉक्टर की सलाह के बाद हमलोगों ऑपरेशन के लिए तैयार हो गए और डॉ मोना सरावगी के द्वारा नाक का ऑपरेशन कर दिया गया। ऑपरेशन के बाद से ही मेरी विधवा बहन का बाएं आंख का रौशनी समाप्त हो गया है। वही मरीज के भाई अरुण ने कहा कि आंख की रौशनी चले जाने के कारण उनकी बहन डिप्रेशन में चली गई है। वही उन्होंने कहा है कि उनकी बहन सिलाई कढ़ाई करके किसी प्रकार अपनी रोजी-रोटी चलाती थी। ऐसे में डॉक्टर की लापरवाही के कारण एक आंख की रौशनी चला जाना उसके जिन्दगी के खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत उन्होंने थाना में किया है।
वही पन्ना यूरो एंड इ एन टी अस्पताल की डॉ मोना सरावगी ने अपने ऊपर लगाए गए आरोप को निराधार बताते हुए कहा कि इस प्रकार के इलाज में काफी रिस्क होता है। मेडिकल साइंस के मुताबिक भी आँखों की रौशनी जाने का अंदेशा रहता है। वही डॉक्टर ने कहा कि ऑपरेशन से पहले इस बात की जानकारी रोगी एवं परिजन को दे दी गई थी। वही उन्होंने कहा कि ऑपरेशन के बाद जब मरीज की एक आंख की रौशनी चली गई तो हमलोगों ने तुरंत मरीज को आंख विशेषज्ञ के पास भेजकर चेक करवाया। चेकअप के दौरान पता चला कि आंख में किसी प्रकार का समस्या नही है। 15 दिनों में आंख की रौशनी वापस आ जायेगी। वही उन्होंने कहा कि इलाज का खर्चा अस्पताल स्वयं वहन कर रही है।