दरभंगा में शोभा यात्रा के साथ शुरू हुआ तीन दिवसीय मिथिला विभूति पर्व समारोह, नागेंद्र झा स्टेडियम में झलकेगी कला और संस्कृति
विद्यापति सेवा संस्थान के तत्वावधान में महाकवि विद्यापति के निर्वाण दिवस कार्तिक धवल त्रयोदशी के अवसर पर तीन दिवसीय मिथिला विभूति पर्व स्वर्ण जयंती समारोह की शुरूआत शोभा यात्रा से की गई। पढ़ें पूरी खबर
दरभंगा। विद्यापति सेवा संस्थान के तत्वावधान में महाकवि विद्यापति के निर्वाण दिवस कार्तिक धवल त्रयोदशी के अवसर पर तीन दिवसीय मिथिला विभूति पर्व स्वर्ण जयंती समारोह की शुरूआत शोभा यात्रा से की गई। इस मौके पर शहर में अवस्थित कई महापुरूषों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण भी किया गया। शोभायात्रा कुमर कल्याणपथ अवस्थित लक्ष्मीश्वर सार्वजनिक पुस्तकालय से निकल कर शहर के विभिन्न मार्गों से गुजरता हुआ रमेश्वरी श्यामा मंदिर में संपन्न हो गया। कामेश्वर नगर स्थित डॉ. नागेन्द्र झा स्टेडियम में मुख्य समारोह का आयोजन किया गया है।
संस्थान के महासचिव डॉ. बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने बताया कि इस वर्ष का स्वर्ण जयंती समारोह पूरे उत्साह के साथ मिथिलावासी मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज कार्यक्रम के उद्घाटन के पश्चात आगत अतिथियों का विचार सामने आएगा। वहीं विद्यापति संगीत का आनंद लोग उठा सकेंगे। आज की शोभायात्रा में विभिन्न झांकियां शामिल थीं। शोभायात्रा के दौरान नटराज डांस एकेडमी के कलाकारों द्वारा विभिन्न चौराहों पर भव्य झांकी प्रदर्शित की गई।
शोभायात्रा में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेन्द्र प्रताप सिंह, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शशिनाथ झा, पूर्व विधान पार्षद डॉ. दिलीप कुमार चौधरी, शोभायात्रा संयोजक विनोद कुमार झा, मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष कमलाकान्त झा, संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. बुचरू पासवान, यूएसए के कौन्सिलेट शरद कुमार झा, भारत एफएम अमेरिका की माला झा, सखी बहिनपा की संस्थापिका आरती झा, रामनारायण झा, वरिष्ठ साहित्यकार मणिकांत झा, महात्मा गांधी शिक्षण संस्थान के चेयरमैन हीरा कुमार झा, आदित्य नारायण चौधरी मन्ना, बालेन्दु झा, विजय कांत झा, प्रवीण कुमार झा, चंद्रशेखर झा बूढ़ाभाई, डॉ. गणेश कांत झा, डॉ. उदय कांत मिश्र, दुर्गानन्द झा, महानन्द ठाकुर, आशीष चौधरी, डॉ. सुषमा झा, मीना झा, स्वर्णिम किरण, सुनीता झा, दीपक कुमार झा, गंधर्व कुमार झा, मणिभूषण राजू, पुरूषोत्तम वत्स आदि ने भाग लिया।