शिमला से दरभंगा तक पसरे अपराध के धागे: कबाड़ी के चोले में कारगुज़ार अपराधी, लाखों की चोरी, बरामद जेवर, और अब कार्बाइन की अफवाहों में उलझी सच्चाई जब हिमालय की पुलिस ने मिथिला की धरती पर दी दस्तक, तो कानून और अफवाहों के बीच खड़ा दिखा दरभंगा प्रशासन!"
8 मई 2025 को हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में दर्ज सदर थाना कांड संख्या 36/25, धारा 305A/331(3) BNS के अंतर्गत हुई चोरी की घटना ने स्थानीय पुलिस महकमे को हिला कर रख दिया। मामला गंभीर था नगद धनराशि और बहुमूल्य आभूषण चोरी हुए थे। मगर शिमला पुलिस ने अपनी सीमाओं तक खुद को सीमित नहीं रखा. पढ़े पुरी खबर.......

दरभंगा: 8 मई 2025 को हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में दर्ज सदर थाना कांड संख्या 36/25, धारा 305A/331(3) BNS के अंतर्गत हुई चोरी की घटना ने स्थानीय पुलिस महकमे को हिला कर रख दिया। मामला गंभीर था नगद धनराशि और बहुमूल्य आभूषण चोरी हुए थे। मगर शिमला पुलिस ने अपनी सीमाओं तक खुद को सीमित नहीं रखा।
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शिमला से कई सौ किलोमीटर दूर, बिहार के दरभंगा ज़िले तक अपराध की गंध आ पहुँची थी और यहीं से शुरू हुई एक समानांतर अभियान की कहानी, जिसमें मिथिला की पुलिस ने हिमाचली सहयोगियों के साथ मिलकर अपने क्षेत्रीय धरातल पर न केवल अपराधियों को दबोचा, बल्कि देश को यह संदेश दिया कि अपराध की कोई सीमारेखा नहीं होती पर कानून की पकड़ उससे कहीं तेज होती है।
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छापेमारी : दरभंगा में दो चरणों की कार्रवाई: शिमला पुलिस की प्रारंभिक सूचना के आधार पर पहली छापेमारी दरभंगा के बेंता थाना अंतर्गत हॉस्पिटल रोड पर की गई, जहाँ लहेरियासराय थाना के PSI पीयूष कुमार के नेतृत्व में त्वरित कार्रवाई हुई। इसके पश्चात मिले इनपुट के आधार पर 11 मई 2025 को दूसरी और निर्णायक छापेमारी की गई इस बार बिशनपुर थाना क्षेत्र के मुस्तफापुर गाँव में। यहां SI अंजना कुमारी एवं ASI नीरज चौबे के नेतृत्व में की गई छापेमारी में सफलता हाथ लगी।
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शिमला से आए छापेमारी दल में शामिल थे:
ASI यशपाल
HC 206 अजय
HC 226 सुरेश
HC 20 देवेन्द्र कांस्टेबल 916 तिम्मय
कांस्टेबल 704 दिनेश
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वहीं दरभंगा से समर्थन देने वालों में PSI पीयूष (लहेरियासराय), SI अंजना कुमारी और ASI नीरज चौबे (बिशनपुर) अग्रणी भूमिका में रहे।
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बरामदगी : सोने के टुकड़े और लाखों की नगद राशि छापेमारी में शिमला पुलिस ने जिन सामग्रियों की बरामदगी की, वह चौंकाने वाली थी:
नगद राशि:₹4,01,030/- सोने-चाँदी के आभूषण,
जिनमें शामिल हैं: एक छह टुकड़ों में टूटा हुआ हार एक दो भागों में टूटा कड़ा एक झुमका, दो झुमका (एक टूटा), एक छोटा झुमका दो अंगूठियाँ, एक नाग जड़ी एक मंगलसूत्र, एक चैन (पीली तितली लॉकेट) एक ओम लॉकेट दो तिल्ली (लाल-सफेद नाग जड़े) एक पायल, दो सफेद सिक्के, दो बिच्छू अंगूठियाँ (सफेद रंग की)
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गिरफ्तार आरोपी: 1.अजय सहनी उर्फ ललटून (24), ग्राम मुस्तफापुर, थाना बिशनपुर
2.सेंटी सहनी (24), ग्राम अरैला, थाना मोरो
3.अमर साहनी (21), ग्राम बिरदीपुर, थाना सिमरी
तीनों युवक शिमला में कबाड़ बीनने का कार्य करते थे, किंतु कथित रूप से संगठित चोरी के मामलों में संलिप्त पाए गए हैं।
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कार्बाइन की अफवाह : सच, झूठ या अधूरा बयान? जब बरामदगी की सूची सामने आई, तो दरभंगा में कई स्थानों पर यह चर्चा फैल गई कि "पुलिस ने दो कार्बाइन भी जब्त की हैं।" चाय की दुकानों, सोशल मीडिया ग्रुपों और स्थानीय समाचार पत्रों में यह बात आग की तरह फैली। सवाल उठा अगर चोर इतने संगठित थे कि उनके पास कार्बाइन जैसे हथियार भी थे, तो क्या यह मामला केवल चोरी का था या किसी बड़ी साजिश का सिरा?
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मगर जब मिथिला जन जन की आवाज की टीम ने इस विषय में दरभंगा पुलिस से आधिकारिक पुष्टि की कोशिश की, तो सिर्फ़ खामोशी हाथ लगी। न कोई लिखित बयान, न कोई खंडन। यह वही पुलिस थी जिसने शिमला पुलिस को जमीनी सहयोग दिया, पर 'कार्बाइन' के सवाल पर ना-नुकुर तक नहीं की। ऐसे में सवाल उठता है: क्या कोई 'कार्बाइन' सचमुच जब्त हुई? अगर हाँ, तो उसका ज़िक्र पुलिस की प्रेस विज्ञप्तियों से क्यों नदारद है? और अगर नहीं, तो अफवाह फैलाने वाले कौन हैं?
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अब सच पाठकों के सामने है: "मिथिला जन जन की आवाज" एक ज़िम्मेदार पत्रकारिता मंच के रूप में सिर्फ और सिर्फ दरभंगा पुलिस के लिखित विवरण को आधार बनाकर यह रिपोर्ट प्रस्तुत करता है। कार्बाइन संबंधी सूचना की अब तक कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। "हमारा दायित्व है कि हम सत्य के निकट जाएँ, अफवाहों के शोर में नहीं। और जब तक पुलिस आधिकारिक रूप से कोई स्पष्टीकरण नहीं देती, यह खबर अब पाठकों के विवेक, प्रश्न और चेतना के हवाले है।"