बैठक का आयोजन:जिला जल एवं स्वच्छता समिति की मासिक बैठक हुई

जिलाधिकारी दरभंगा राजीव रौशन की अध्यक्षता में उनके कार्यालय कक्ष में जिला जल स्वच्छता समिति की बैठक आयोजित की गयी। पढ़ें पूरी खबर

बैठक का आयोजन:जिला जल एवं स्वच्छता समिति की मासिक बैठक हुई

दरभंगा :- जिलाधिकारी दरभंगा, श्री राजीव रौशन की अध्यक्षता में उनके कार्यालय कक्ष में जिला जल स्वच्छता समिति की बैठक आयोजित की गयी। बैठक में ठोस तरल कचरा प्रबंधन ग्रामीण से संबंधित कार्यों के लिए प्रखंडों से प्राप्त पंचायतों के ग्राम सभा से स्वीकृत कार्य योजना, ग्राम पंचायतों में वाटर प्रोसेसिंग यूनिट पर व्यय सीमा के आलोक में प्राक्कलन और डिजाइन तैयार करना, कचरा प्रसंस्करण इकाई(वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट) के निर्माण हेतु सरकारी जमीन चिन्हित कर अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करना, स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्राम पंचायतों द्वारा किए जाने वाले कार्यों के लिए एक  समान दर एवं गुणवत्ता निर्धारित करना, ठोस तरल एवं कचरा प्रबंधन से संबंधित गतिविधियों एवं निर्माण कार्यों का अनुश्रवण व गुणवत्ता की जांच हेतु जिला स्तरीय कमिटी का गठन करना, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के द्वितीय चरण के अंतर्गत ठोस तरल कचरा प्रबंधन के अंतर्गत प्रखंड स्तर पर निर्माण होने वाली प्लास्टिक अपशिष्ट संस्करण इकाई संबंधित कार्यो को क्रियान्वित करना, स्वच्छता पर्यवेक्षक/ स्वच्छता कर्मी का चयन से संबंधित कार्यों पर समिति का अनुमोदन प्राप्त करने हेतु प्रस्ताव उप विकास आयुक्त अमृषा बैंस के द्वारा रखा गया, जिसे विचार विमर्श के उपरांत समिति द्वारा अनुमोदित किया गया। बैठक में प्रस्ताव के अनुमोदन के पूर्व जिलाधिकारी ने पंचायतों/ वार्डों में नालियों के लिये बनाए जाने वाले जंक्शन चैम्बर के लिए गूगल मैप बना लेने का निर्देश जिला समन्वयक, जिला जल स्वच्छता को दिया।

साथ ही जंक्शन से जुड़ने वाली नालियों की ढाल मनरेगा के अभियंताओं से दिखवा लेने का निर्देश दिया। मल कीचड़ उपचार संयंत्र के लिए जिला स्तर पर स्थल चयन करने का निर्देश दिया गया। साथ ही प्लास्टिक कचरा प्रसंस्करण, शीशा कचरा प्रसंस्करण व चिकित्सीय कचरा प्रसंस्करण के संबंध में भी चर्चा की गयी। सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार द्वारा बताया गया कि चिकित्सीय कचरा एकत्रित करने हेतु प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में व्यवस्था की गई है। जिलाधिकारी ने वार्ड एवं पंचायतों से चिकित्सीय कचरा एकत्रित कर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक लाने की व्यवस्था जिला जल स्वच्छता समिति को करने का निर्देश दिया। बैठक में बताया गया कि गोबर धन योजना के तहत बायोगैस संयंत्र बनाने हेतु 50 लाख रुपये का अनुदान दिया जाना है। जिलाधिकारी ने इसके लिए कुशल एजेंसी के साथ समझौता कर मवेशी पालक के सहयोग से एक बिजनेस मॉडल तैयार करने का निर्देश जिला समन्वयक को दिया ताकि किसानों को भी आर्थिक लाभ प्राप्त हो सके और बायोगैस का विक्रय एवं उपयोग हो सके।

इसके लिए जिला स्तर पर 08 कट्ठा जमीन का एक प्लॉट जो यातायात की सुविधा से युक्त हो, चिन्हित करने का निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि इसके लिए वार्ड स्तर पर गोबर संग्रहण केंद्र बनाना होगा तथा शहरी क्षेत्र के खटालों से नियमित रूप से गोबर संग्रह करना होगा। इसके लिए जिन राज्यों में पूर्व से उस तरह के संयत्र सफलतापूर्वक संचालित है, वहां पर भ्रमण कर इसके मॉडल को समझना होगा। उन्होंने ठोस तरल कचरा अपशिष्ट प्रबंधन के लिए लोगों में जागरूकता लाने एवं उनके व्यवहार परिवर्तन हेतु जीविका से समन्वय स्थापित कर सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम चलाने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि शादी विवाह एवं ब्रह्मभोज के अवसर पर कचरा संग्रहण हेतु डस्टबिन के साथ कर्मी की प्रतिनियुक्ति करने के निर्देश दिए, ताकि वैसे कार्यक्रमों के उपरांत फेंके जाने वाले थर्मोकोल की थालियां एवं प्लास्टिक के गिलास को संग्रहित कर उसका प्रसंस्करण कराया जा सके। बैठक में भा.प्र.से. के प्रशिक्षु पदाधिकारी सूर्य प्रताप सिंह, डीआरडीए निदेशक गणेश कुमार, सिविल सर्जन अनिल कुमार, उप निदेशक जन संपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता, डीपीएम जीविका डॉ रिचा गार्गी एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी गण उपस्थित थे।