बिहार के दरभंगा का रहने वाला है संसद सुरक्षा सेंध का मास्टरमाइंड ललित झा, माता-पिता बोले- मेरा बेटा निर्दोष है, उसे फसाया गया, इंसाफ दिलाकर रहेंगे, पुलिस अब उसके माओवादी संबंधों की कर रही पड़ताल......

लोकसभा में 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले इस कांड के मुख्य आरोपी ललित झा जब पुलिस के सामने सरेंडर किया तो पूछताछ के दौरान पता चला कि ललित दरभंगा जिला के बहेड़ा थाना इलाके के रामपुर उदय गांव के रहने वाले है. पढ़ें पूरी खबर......

बिहार के दरभंगा का रहने वाला है संसद सुरक्षा सेंध का मास्टरमाइंड ललित झा, माता-पिता बोले- मेरा बेटा निर्दोष है, उसे फसाया गया,  इंसाफ दिलाकर रहेंगे, पुलिस अब उसके माओवादी संबंधों की कर रही पड़ताल......
बिहार के दरभंगा का रहने वाला है संसद सुरक्षा सेंध का मास्टरमाइंड ललित झा, माता-पिता बोले- मेरा बेटा निर्दोष है, उसे फसाया गया, इंसाफ दिलाकर रहेंगे, पुलिस अब उसके माओवादी संबंधों की कर रही पड़ताल......

दरभंगा - 13 दिसंबर की दोपहर संसद में जो घटनाक्रम हुआ, वो कोई इत्तेफाक या जल्दबाजी में किया गया कांड नहीं था. बल्कि दहशत फैलाने की साज़िश पर आरोपी करीब डेढ़ साल से काम कर रहे थे. साज़िश के तहत ही देश के अलग-अलग राज्यों से आरोपी दिल्ली पहुंचे, ये अब तक की जांच से खुलासा हुआ है.लोकसभा में 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले इस कांड के मुख्य आरोपी ललित झा जब पुलिस के सामने सरेंडर किया तो पूछताछ के दौरान पता चला कि ललित दरभंगा जिला के बहेड़ा थाना इलाके के रामपुर उदय गांव के रहने वाले है. जैसे ही यह बात उनके माता-पिता को चला वैसे ही पूरे गांव में हड़कंप मच गया है. सूचना मिलते ही बिरौल एसडीपीओ मनीष चन्द्र चौधरी अपने दलबल के साथ ललित झा के पैतृक आवास पर पहुंच कर उनके परिजन के साथ पूछताछ की है. हांलाकि प्रशासन हाईप्रोफाइल मामला होने के कारण कुछ भी कहने से परहेज कर रही है.

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वही ललित झा की माता मंजुला झा ने कहा कि मेरा लड़का बहुत ही अच्छा है, यह कैसे हो गया हमको समझ में कुछ नहीं आ रहा है. वही उन्होंने कहा कि 10 दिसंबर को हम दोनो को दरभंगा के लिए ट्रेन पर बैठकर निकल गया..उन्होंने कहा कि इस गतिविधि के बारे में आज तक किसी प्रकार की बात नहीं हुई. ना ही इस तरह की कोई गतिविधि देखने को मिली, उन्होंने कहा कि मैं इस बात की शिकायत को लेकर न्यायालय की शरण मे जाऊँगी. हमारा बेटा इस प्रकार का नहीं है. आप किसी से भी पूछ लीजिए.

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वही ललित मोहन झा के पिता देवानंद झा ने कहा कि मेरा बेटा बहुत ही अच्छा लड़का है. पढ़ाई लिखाई के कारण मिथिलांचल परिसद से उसे पुरस्कार भी मिला था. वहीं उन्होंने बताया कि वर्तमान में ललित ट्यूशन के साथ कोचिंग में भी पढ़ते थे. वहीं उन्होंने कहा कि ललित का किसी प्रकार का कोई खराब एक्टिविटी नहीं था.उन्होंने कहा कि इस बात की जानकारी हमें कल गिरफ्तारी होने के बाद किसी अन्य लोगों के द्वारा प्राप्त हुआ. उन्होंने कहा कि हम कोलकाता में रहकर पुरोहित का काम करते हैं।

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बताते चले कि संसद भवन के मास्टर माइंड ललित मोहन झा दरभंगा के अलीनगर प्रखंड क्षेत्र के रामपुर उदय गांव निवासी पंडित देवानंद झा के तीन पुत्र है. तथा ललित मोहन झा पुत्रों में मझले भाई हैं. ललित मोहन झा की माता मंजुला झा अपने परिवार सहित कोलकाता में रहते थे. ललित झा ने कोलकाता महेश्वरी से बीए की पढ़ाई पूरी कर घर-घर जाकर ट्यूशन पढ़ाया करता था और उनके पिता देवानंद झा कोलकाता में पंडित का काम करते हैं.

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बता दें 32 साल के ललित मोहन झा ने दिल्ली पुलिस के सामने सरेंडर तो किया लेकिन उससे पहले उसने एक बड़ा कांड दिया। जिसके लिए कोर्ट में उसका केस और कमजोर हो सकता है. पुलिस के मुताबिक ललित झा ने सरेंडर करने से पहले सभी आरोपियों के फोन सहित सारे तकनीक सबूतों को नष्ट कर दिया है. बताया जा रहा है कि महेश और कैलाश नाम के शख्स ने ललित झा को सारे सबूत मिटाने में मदद की है.पुलिस ने कहा कि कोलकाता में ललित झा को एक शांत स्वभाव का व्यक्ति बताया गया है. वह स्थानीय छात्रों को पढ़ाता था। पड़ोस में एक चाय की दुकान के मालिक ने पीटीआई-भाषा को बताया कि कुछ साल पहले वह कोलकाता के बड़ा बाजार में अकेले आए थे और कम प्रोफाइल वाले रहे, उन्होंने दो साल पहले अचानक जगह छोड़ दी थी .