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दरभंगा
जब टिकट गया तो दरभंगा ने कहा नायक हमारा है! भावनाओं की भीड़, संघर्ष की पुकार और जनता के विश्वास का ताज बनकर उभरे राकेश नायक, जिन्होंने टिकट से बड़ी राजनीति की परिभाषा लिखी; सुख-दुःख, धूप-छाँव, दिन-रात हर पल जनता के साथ रहने का संकल्प लिया पढ़िए मिथिला जन जन की आवाज की यह ऐतिहासिक रिपोर्ट, जहाँ राजनीति से ज़्यादा रिश्तों की गर्माहट बोली

जब टिकट गया तो दरभंगा ने कहा नायक हमारा है! भावनाओं की...

दरभंगा की उस दोपहर में हवा में कुछ ऐसा कंपन था, जो राजनीति की औपचारिकता से परे जाकर...