असफलता को गुरु और प्रतिभा को ध्येय मानकर आगे बढ़ते विद्यार्थियों की अविराम साधना का साक्षी बना रुद्र–सावित्री दरभंगा माइंड फ़ेस्ट–2025, जहाँ जिला पदाधिकारी के हाथों दीप–प्रज्वलन के साथ आरंभ हुआ 4000 युवा मस्तिष्कों का बुद्धि–विकास, सृजन–विस्तार और ज्ञान–प्रतियोगिताओं का अभूतपूर्व पर्व

बौद्धिक चेतना, कल्पनाशीलता, अध्ययन-संस्कार और प्रतिस्पर्धात्मक प्रतिभा का भव्य समागम रुद्र–सावित्री दरभंगा माइंड फ़ेस्ट–2025 के चौथे संस्करण का शुभारंभ आज जिला पदाधिकारी श्री कौशल कुमार द्वारा विधिवत दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। सभागार में अलौकिक गरिमा और उजास का वह क्षण मानो दरभंगा की ज्ञान–परंपरा को पुनर्स्मरण कराता दिखाई पड़ा. पढ़े पूरी खबर.......

असफलता को गुरु और प्रतिभा को ध्येय मानकर आगे बढ़ते विद्यार्थियों की अविराम साधना का साक्षी बना रुद्र–सावित्री दरभंगा माइंड फ़ेस्ट–2025, जहाँ जिला पदाधिकारी के हाथों दीप–प्रज्वलन के साथ आरंभ हुआ 4000 युवा मस्तिष्कों का बुद्धि–विकास, सृजन–विस्तार और ज्ञान–प्रतियोगिताओं का अभूतपूर्व पर्व
असफलता को गुरु और प्रतिभा को ध्येय मानकर आगे बढ़ते विद्यार्थियों की अविराम साधना का साक्षी बना रुद्र–सावित्री दरभंगा माइंड फ़ेस्ट–2025, जहाँ जिला पदाधिकारी के हाथों दीप–प्रज्वलन के साथ आरंभ हुआ 4000 युवा मस्तिष्कों का बुद्धि–विकास, सृजन–विस्तार और ज्ञान–प्रतियोगिताओं का अभूतपूर्व पर्व

दरभंगा, 6 दिसंबर। बौद्धिक चेतना, कल्पनाशीलता, अध्ययन-संस्कार और प्रतिस्पर्धात्मक प्रतिभा का भव्य समागम रुद्र–सावित्री दरभंगा माइंड फ़ेस्ट–2025 के चौथे संस्करण का शुभारंभ आज जिला पदाधिकारी श्री कौशल कुमार द्वारा विधिवत दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। सभागार में अलौकिक गरिमा और उजास का वह क्षण मानो दरभंगा की ज्ञान–परंपरा को पुनर्स्मरण कराता दिखाई पड़ा।

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उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए जिला पदाधिकारी ने अत्यंत प्रेरक शब्दों में विद्यार्थियों को संदेश दिया असफलता ही मानव जीवन की सर्वश्रेष्ठ गुरु है। जो विद्यार्थी निरंतर प्रयासरत रहते हैं, सफलता अनिवार्यतः उनके द्वार पर आ खड़ी होती है। उन्होंने कहा कि यह वार्षिक महोत्सव अब केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि दरभंगा की बढ़ती बौद्धिक प्रतिष्ठा का प्रतीक बन चुका है एक ऐसा आयोजन जिसकी गूँज अब मिथिला की सीमा लाँघ कर राज्यभर में सुनाई देती है।

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प्रतिभागिता का ऐतिहासिक परिमाण 4000 प्रतिभागी, 200+ विद्यालय: इस वर्ष का माइंड फ़ेस्ट हर स्तर पर अपने पूर्ववर्ती संस्करणों को पीछे छोड़ता दिखा। कुल 200+ विद्यालयों से लगभग 4000 छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया, जो अपने आप में एक अभूतपूर्व कीर्तिमान है। प्रतिभागिता केवल दरभंगा तक सीमित न रहकर पटना, पूर्णिया, मधुबनी, सीतामढ़ी, सुपौल और मुजफ्फरपुर जैसे जिलों तक विस्तार लिए रही। दरभंगा के सभी 19 प्रखंडों की उपस्थिति ने इस आयोजन को वास्तविक अर्थों में एक जिला–स्तरीय मेगा इंटलेक्चुअल फेस्ट का दर्जा प्रदान किया। यह सहभागिता इस बात का परिचायक है कि मिथिला की धरती आज भी ज्ञान, सीख और विवेक की पवित्र परंपरा को जीवित रखे हुए है।

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ज्ञान–प्रतियोगिताओं का विराट संकलन: माइंड फ़ेस्ट में इस वर्ष 10 प्रमुख प्रतियोगिताएँ आयोजित की जा रही हैं, जिनमें रचनात्मकता, भाषागत दक्षता, विश्लेषण क्षमता और कलात्मक प्रतिभा का समन्वय देखने को मिलता है हिंदी एवं अंग्रेज़ी क्रिएटिव राइटिंग, हिंदी एवं अंग्रेज़ी स्पेलिंग बी, मेंटल एबिलिटी टेस्ट, पेपर पेंटिंग, क्लॉथ पेंटिंग, जनरल क्विज़ (प्रारंभिक व फ़ाइनल) इंडिया क्विज़, क्रॉसवर्ड प्रतियोगिता। पहले दिन की प्रतियोगिताएँ अत्यंत उत्साहजनक रहीं। बच्चों की ऊर्जा, अनुशासन और प्रतिस्पर्धात्मक शैली देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो पूरा मिथिलांचल बाल–प्रतिभाओं के नवोदित सूर्य से आलोकित हो उठा हो। कार्यक्रम संचालन का दायित्व अन्विता और अणुविभा ने सौम्यता और दक्षता के साथ निभाया, जिनकी वाणी और प्रस्तुतिकरण ने पूरे आयोजन में गरिमा और अनुशासन का वातावरण कायम रखा।

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अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त क्विज़ मास्टर की उपस्थिति: 7 दिसंबर को आयोजित होने वाले फ़ाइनल राउंड्स (जनरल क्विज़, इंडिया क्विज़, क्रॉसवर्ड) का संचालन विश्व–प्रसिद्ध क्विज़ मास्टर मिस्टर एलेन कॉवेल करेंगे। उनकी उपस्थिति ने प्रतियोगियों में रोमांच, उत्सुकता और सम्मान—तीनों को कई गुना बढ़ा दिया है।

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वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की विशिष्ट उपस्थिति: माइंड फ़ेस्ट के प्रणेता और प्रेरणा–स्रोत डॉ. विवेक कुमार सिंह (आईएएस) पूरे कार्यक्रम का मार्गदर्शन कर रहे हैं। समापन दिवस पर मुख्य अतिथि होंगे श्री सी. के. अनिल, प्रधान सचिव, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग जिनकी उपस्थिति इस आयोजन की प्रतिष्ठा को और ऊँचाई प्रदान करेगी।

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माइंड फ़ेस्ट: केवल प्रतियोगिता नहीं, चरित्र–निर्माण का संस्थान: रुद्र–सावित्री दरभंगा माइंड फ़ेस्ट ने बहुत कम समय में खुद को एक ऐसे मंच में परिवर्तित कर लिया है जो विद्यार्थियों में आत्मविश्वास बढ़ाता है विश्लेषण और आलोचनात्मक सोच विकसित करता है स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और सौहार्द की भावना को पोषित करता है बच्चों को पारंपरिक पाठ्यपुस्तक–सीमाओं से आगे ले जाकर व्यावहारिक शिक्षा से जोड़ता है। चौथे संस्करण की अभूतपूर्व सफलता इस बात का स्पष्ट संकेत देती है कि आने वाले वर्षों में यह कार्यक्रम न केवल और व्यापक होगा, बल्कि पूरे बिहार के शैक्षणिक परिदृश्य में एक प्रतिष्ठित पहचान बनकर उभरेगा। रुद्र–सावित्री दरभंगा माइंड फ़ेस्ट 2025 का यह भव्य आरंभ साबित करता है कि दरभंगा केवल इतिहास और संस्कृति की नगरी ही नहीं, बल्कि आधुनिक भारत के बौद्धिक मानचित्र पर उभरता हुआ नया ध्रुव–तारा है।