दरभंगा में अपने मांगों के समर्थन में मुखिया संघ ने दिया महाधरना, ग्राम पंचायतों के अधिकार में कटौती को बताया शर्मनाक
दरभंगा जिला मुखिया महासंघ के जिला अध्यक्ष राजीव कुमार चौधरी के नेतृत्व में पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत जिला के सभी मुखियागण सहित अन्य जनप्रतिनिधि गणों ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन व महाधरना दिया. पढ़ें पूरी खबर.....
दरभंगा - जिला मुखिया महासंघ के जिला अध्यक्ष राजीव कुमार चौधरी के नेतृत्व में पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत जिला के सभी मुखियागण सहित अन्य जनप्रतिनिधि गणों ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन व महाधरना दिया। सबसे पहले सैकड़ों की संख्या में पहुंचे मुखियागण व अन्य जनप्रतिनिधियों ने पोलो मैदान स्थित प्रेक्षागृह में एकजुट होकर जुलूस के शक्ल में प्रदर्शन हेतु मार्च निकालकर लोहिया चौक, लहेरियासराय टावर होते हुए जिला अधिकारी कार्यालय के आगे से होते हुए पुनः प्रेक्षागृह पहुंचे। इस अवसर पर वक्ताओं ने एक स्वर में केंद्र और राज्य सरकार को मुखिया व पंचायती राज विरोधी बताया व कहा कि लगातार केंद्र और राज्य सरकार पंचायत सरकार को खोखला बनाना चाह रही है।
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केंद्र और राज्य सरकार महात्मा गांधी और राजीव गांधी के सपनों के गांव बनाने के वजह अंग्रेजों की तरह ग्राम पंचायत सरकार के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। सरकार अगर हमारी मांगों को गंभीरता से लेकर इसका निदान नहीं करेगी तो हम इस राज्य और केंद्र सरकार को चलने नहीं देंगे। हमें भी केंद्र और राज्य सरकार की तरह ग्राम पंचायत सरकार चलाने का सभी दायित्व 29 अधिकार जो ग्राम पंचायत को 73वां संविधान संशोधन के तहत मिला है। सभी को देकर हमें भी स्वतंत्र रूप से काम करने का मौका दें। अन्यथा सरकार के किसी भी कार्यों में अब ग्राम पंचायत सहयोग नहीं करेगी।
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वही जिला मुखिया महासंघ के जिला अध्यक्ष राजीव कुमार चौधरी ने कहा कि हमारी मांग है कि ग्राम सभा की रक्षा हेतु पारित नियमों को अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए, ग्राम पंचायत से चयनित योजना को प्राथमिकता दी जाए, सरकार ग्राम सभा में अनावश्यक हस्तक्षेप बंद करें, मुख्यमंत्री सोलर स्ट्रीट लाइट योजना में ब्रेडा असफल हो चुकी है इसे पुनः ग्राम पंचायत को सौप जाए, पंचायत सरकार भवन के निर्माण में पूर्व में ही एलएइओ असफल साबित हुई है। इसे एलएइओ से हटाकर ग्राम पंचायत को क्रियान्वयन का जिम्मा दिया जाए।
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वही उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नल जल योजना के कार्य पूरी तरह बाधित है। इसे पीएचडी से हटाकर पुनः वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति को दिया जाए, ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों का वेतन भत्ता में बढ़ोतरी की जाए मुखिया 10000, उपमुखिया 7000, वार्ड सदस्य 5000 प्रतिमाह दिया जाए, ग्राम पंचायत के मुखिया को उनकी सुरक्षा हेतु आवश्यकता के अनुसार उनके मांग पर आमर्स का लाइसेंस दिया जाए, पंचायत में बंद पड़े कबीर अंतोष्टि योजना को चालू किया जाए, सभी प्रकार के सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना को गति प्रदान किया जाए।
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ग्राम पंचायत को पुनः जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का अधिकार दिया जाए, अपराधियों द्वारा हत्या कर दिए गए मुखिया के परिजनों को सरकार 50 लाख रुपए तक मुआवजा दे और स्पीडी ट्रायल के माध्यम से दोषियों को अभिलंब सजा दिलावाए, ग्राम पंचायत में कार्मचारियो के वेतन विवरणीय /उपस्थिति पंजी का मुखिया का हस्ताक्षर के बाद ही भुगतान किया जाए। उसकी सख्ति से अनुपालन कराया जाए, ग्राम पंचायत को राजस्व कर वसूली का हिस्सा सभी मदो से उपलब्ध कराई जाए, मनरेगा में ग्राम पंचायत को प्रशासनिक का अधिकार पंचायती राज विभाग के तहत 20 लाख तक किया जाए।
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वही राजीव चौधरी ने कहा कि ग्राम पंचायत को भुगतान का अधिकार दिया जाए, मनरेगा कर्मी एनएमएमएस का प्रयोग राज्य के मजदूरों के हित में नहीं है। आज भी ग्राम पंचायत में मोबाइल नेटवर्क की समस्या है। सरकार इसका निदान करें, मनरेगा में मजदूरी दर बढ़ाया जाए तथा बाजार दर के अनुसार एसओआर निर्धारित किया जाए तथा समय पर भुगतान सुनिश्चित कराया जाए, 15 वीं वित्त की राशि का आवंटन में ग्राम पंचायत को अधिक भागीदारी सुनिश्चित कराया जाए, प्रधानमंत्री आवास योजना में नए पात्र लाभुको का नाम जोड़ने हेतु आवश्यक कार्रवाई की जाए एवं दो वर्षों का बकाया आवंटन के साथ पुनः आवंटन देकर आवास योजना चालू कराया जाए।