दरभंगा में महिला हेल्पलाइन डेस्क की खुली पोल, बेनीपुर में अनुमंडल अस्पताल के मुख्य द्वार पर पिछले 3 सप्ताह से बैठी एक गूंगी लड़की आखिर कौन है??? जूठा परोसे गए खानों के सहारे वह अपना जीवन व्यतीत करती है, ना थाने को फिकर है ना ही महिला हेल्पलाइन को चिंता

अनुमंडल अस्पताल के मुख्य द्वार पर पिछले 3 सप्ताह से बैठी एक गूंगी लड़की आखिर कौन है? जिसका तहकीकात करने वाला कोई नहीं है। ज्ञात हो कि उक्त गूंगी लड़की केवल इशारे में कुछ बात करती है, लेकिन कुछ भी बताने से इंकार करती है। पढ़ें पूरी खबर

दरभंगा में महिला हेल्पलाइन डेस्क की खुली पोल, बेनीपुर में अनुमंडल अस्पताल के मुख्य द्वार पर पिछले 3 सप्ताह से बैठी एक गूंगी लड़की आखिर कौन है??? जूठा परोसे गए खानों के सहारे वह अपना जीवन व्यतीत करती है, ना थाने को फिकर है ना ही महिला हेल्पलाइन को चिंता

बेनीपुर। अनुमंडल अस्पताल के मुख्य द्वार पर पिछले 3 सप्ताह से बैठी एक गूंगी लड़की आखिर कौन है? जिसका तहकीकात करने वाला कोई नहीं है। ज्ञात हो कि उक्त गूंगी लड़की केवल इशारे में कुछ बात करती है, लेकिन कुछ भी बताने से इंकार करती है। राह चलते राहगीरों द्वारा या अस्पताल कर्मी के साथ-साथ मरीज के परिजनों द्वारा सही एवं जूठा परोसे गए खानों के सहारे वह अपना जीवन व्यतीत करती है।

कभी कभार उनको दी गई सहायता के नाम पर भोजन भी आस-पड़ोस में कुत्ते की झुंड झपट लेतीं है और वह हाथ हिलाती हुई इशारा करती हुई रह जाती है। इस संबंध में पूर्व अस्पताल उपाधीक्षक डा. जितेंद्र नारायण बताते हैं कि स्थानीय थाना को कई बार पत्र लिखकर सूचित किया गया है कि इसके संबंध में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराएं या इन्हें जिला अवस्थित महिला हेल्पलाइन को हस्तगत कराएं, लेकिन प्रशासनिक स्तर से कोई अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है।

अब धीरे-धीरे ठंढ़ का मौसम बढ़ता जा रहा है। अस्पताल की ओर से कुछ कंबल तो उन्हें दे दी गई है, लेकिन वह अस्पताल के अंदर आने से कतराती रहती है और बाहर बैठकर लगातार 20 दिनों से अपना दिन-रात गुजार रही है।